अंशुल मित्तल@ ग्वालियर।कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और तहसीलदार शिवदत्त कटारे के विरुद्ध एक लिखित शिकायत लोकायुक्त भोपाल और प्रमुख सचिव कार्यालय के लिए भेजी गई है जिसमें विषय अंतर्गत उल्लेख है कि जिला न्यायालय ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक 752/2018 कमला राज्य चैरिटेबल ट्रस्ट बनाम मध्यप्रदेश शासन जरिए सचिव राजस्व विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल, वर्ष 2018 से लंबित है, प्रकरण में न्यायालय ने, कई बार, शासन को लंबित वाद के संबंध में तथ्य और पक्ष प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया, न्यायालय द्वारा तहसीलदार आदि पर समय पर जवाब प्रस्तुत ना किए जाने के चलते अर्थदंड भी आरोपित किया गया था, लेकिन तब भी ग्वालियर कलेक्टर और तहसीलदार द्वारा न्यायालय के समक्ष वे तथ्य और रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किए गए, जोकि लंबित प्रकरण में शासन को लाभ दिलाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। लिहाजा शिकायतकर्ता ने प्रकरण दर्ज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि शासकीय अधिकारियों द्वारा विरोधी पक्ष से सांठगांठ कर शासन को नुकसान और विरोधी पक्ष को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
जाने पूरा प्रकरण
कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 4 जून 2018 में न्यायालय में एक वाद प्रस्तुत किया गया, इस बात को प्रस्तुत करने के लिए ट्रस्ट द्वारा, ट्रस्ट के सचिव विजय सिंह फाल्के पुत्र स्वर्गीय श्री रणजीत सिंह फाल्के उम्र 74 वर्ष निवासी झांसी रोड ग्वालियर को अधिकृत किया गया। प्रस्तुत वाद में ट्रस्ट द्वारा यह उल्लेख किया गया कि जिस जमीन पर एजी ऑफिस पुल (फ्लाईओवर) का निर्माण किया गया है एवं जिस जमीन पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क बना ली गई वह ट्रस्ट की जमीन है, ट्रस्ट की मांग है कि संपत्ति का अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार कर 7 करोड़ 55 हजार रुपए मय 12 प्रतिशत ब्याज के ट्रस्ट को दिए जाएं ट्रस्ट की ओर से यह भी तर्क दिया गया कि श्रीमती विजयाराजे सिंधिया द्वारा 31 दिसंबर 1971 को कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन किया गया था और वादग्रस्त संपत्ति ट्रस्ट को सौंपी गई थी। बता दें कि एजी ऑफिस पुल का निर्माण वर्ष 1987 में शुरू हुआ था और वर्ष 1991 में इसका लोकार्पण किया गया था। वर्तमान में कमला राज्य चैरिटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन माधवीराजे सिंधिया हैं और ट्रस्टी के पद पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रियदर्शनीराजे सिंधिया हैं।
यहां बताना जरूरी है कि कमला राजा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जिस संपत्ति पर दावा कर मुआवजे की मांग की जा रही है वह संपत्ति मेल गांव के सर्वे क्रमांक 1071, 1072 और 1073 में स्थित है एवं यह तीनों ही सर्वे क्रमांक रिकॉर्ड में शासकीय दर्ज हैं। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि जिला प्रशासन द्वारा मौज महलगांव और ललितपुर का वर्ष 1940 का सेटलमेंट ओरिजिनल नक्शा आदि आज दिनांक तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। एवं ट्रस्ट को अनाधिकृत रूप से लाभ पहुंचाया जा रहा है।
इनका कहना है
ग्वालियर कलेक्टर और तहसीलदार द्वारा केंद्रीय मंत्री के ट्रस्ट से सांठगांठ कर शासन को करोड़ों की संपत्ति का नुकसान पहुंचाया जा रहा है, यह बात इससे स्पष्ट होती है कि न्यायालय द्वारा समय पर जवाब ना देने के चलते जिला प्रशासन के अधिकारियों पर अर्थदंड भी लगाया गया इसके बावजूद आज तक जिला प्रशासन के अधिकारियों ने वे तथ्य और दस्तावेज न्यायालय में पेश नहीं किए जिससे प्रकरण में शासन को विजय प्राप्त हो सकती है एवं करोड़ों की संपत्ति शासन के हाथ से जाने से बच सकती है।
एडवोकेट संकेत साहू, याचिकाकर्ता