Gwalior news-नगर निगम की लापरवाही के कारण, वेंटिलेटर पर पत्रकार

@अंशुल मित्तल ग्वालियर। खबर ग्वालियर से है जहाँ आज नगर निगम की बड़ी लापरवाही देखने को मिली खुले छोड़ पडे चेम्बर से आए दिन बड़ी दुर्घटना सामने आ रही है बारिश का मौसम है और जगह-जगह गहरे गड्ढे और खुले हुए चेंबर नगर निगम के दावों को मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं और शहर के आम लोगों की जान लेने को आमादा हैं। निगम की लापरवाही की कीमत अतुल राठौर नामक पत्रकार को चुकानी पड़ रही है जो कि 15 जुलाई की रात खुले हुए चेंबर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ दुर्घटना इतनी भारी थी कि खबर लिखे जाने तक भी पीड़ित पत्रकार ट्रामा सेंटर में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है।


गौरतलब है कि शहर में जगह-जगह गड्ढे और खुले हुए चेंबर देखे जा सकते हैं और यह गड्ढे बरसात के समय और भी खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि निगम की ड्रेनेज व्यवस्था बहुत सराहनीय होने के चलते शहर की सड़कें तालाबों में तब्दील हो जाती हैं, राहगीरों के लिए सड़कों पर घूमना जानलेवा गुनाह साबित होता है। वीआईपी और मंत्रियों की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले निगम अधिकारियों को शर्मसार करने वाली एक दुर्घटना घटित हुई जिसमें 15 जुलाई की रात चार शहर का नाका और हजीरा क्षेत्र से गुजर रहे पत्रकार अतुल राठौर के सामने एक खुला हुआ चेंबर आया और मोटरसाइकिल से जा रहे पत्रकार की गाड़ी उस चेंबर में जा गिरी, दुर्घटना इतनी जबरदस्त थी कि पीड़ित वर्तमान में जयारोग्य के ट्रामा सेंटर/ न्यूरोलॉजी विभाग में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है

दुर्घटना के तकरीबन 10 घंटे भी जाने के पश्चात भी कोई अधिकारी और सत्ताधारी नेता सुध लेने नहीं आया लेकिन जब अन्य पत्रकारों के साथ विपक्षी नेता और जनप्रतिनिधि वहां पहुंचे तब अधिकारियों को औपचारिकता निभाने की सुध आई और कलेक्टर एसपी एवं नगर निगम कमिश्नर पीड़ित अतुल राठौर को देखने ट्रामा सेंटर पहुंचे। हालांकि चिकित्सकों द्वारा पीड़ित अतुल की हालत गंभीर बताई जा रही है। फिर भी जयारोग्य के अधीक्षक डाॅ आरकेएस धाकड़ और अधिष्ठाता डॉ अक्षय निगम द्वारा डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है कि पूरी मुस्तैदी के साथ पीड़ित पत्रकार को इलाज मुहैया कराया जाए।

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