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श्योपुर आजीविका प्रोड्यूसर कंपनी में लाखों का घोटाला

श्योपुर-
आजीविका प्रोड्यूसर कंपनी श्योपुर का मामला
गसमानी गौशाला क्रमांक एक में रखे हैं पेड़ पौधे
मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्योपुर के  वरिष्ठ अधिकारी सोहनकृष्ण मुदगल (D pm) एवं अनिल सक्सेना (Dfm)के दुवारा समूहों के चेक कटवाकर थोपी जा रही हैं गतिविधिया
आजीविका प्रोड्यूसर मिशन कंपनी के माध्यम से गरीब महिलाओ का रुपैया उनके दुवारा पेड़ पौधे एवं बकरी क्रय करके हितग्राहियों को भेजते है एवं बरिष्ठ अधिकारी जो कि 14-15 सालो से अपने गृह जिले में जमे हुये हैं एवं भारी मात्रा में आजीविका प्रोड्यूसर मिशन कंपनी के नाम पर लाखो रुपयों का चूना गरीब महिलाओं को लगाया जा रहा हैं
जबकि नियम अनुसार महिलाएं अपनी इच्छानुसार गतिविधिया कर सकती हे
अभी भी गसमानी गौशाला पर लाखों रुपयों का पौधा रखा हुआ है जिसमे से
कुछ पौधे सूख चुके है एवं कुछ सुकने की कगार पर है

शासन के नियम अनुसार
अमरूद का पौधा 65 रु ,आम का पौधा 55 रु के मान से आजीविका प्रोड्यूसर कंपनी श्योपुर से गसबानी भेजा हैं
ऐसी ही प्रोड्यूसर  से कंपनी को फायदा हो रहा हैं
बही गरीब महिलाओं को नुकसान हो रहा हैं एवं आज दिनांक तक प्रोड्यूसर कंपनी में न ओडिट हुआ है और न ही आज दिनांक तक का उसका लेखा-जोखा भी नहीं हैं
श्योपुर जिले के तीनो ब्लॉको में 
कराहल,श्योपुर, विजयपुर के 14 संकुलों की महिलाओ की हिस्सेदारी हैं
लेकिन महिलाओं को आजतक इस बात की कोई जानकारी नही हैं
इस प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से अधिकारी गरीव महिलाओ को लाखों रुपयों का चूना लगा रहे है बही गरीव महिलाओ का आज तक विकाश नही हुआ है एवं बही अधिकारियों का विकाश
दिनों -दिन बढ़ता जा रहा हैं बही महिलाये आत्म निर्भर भी नही हो पा रही हैं
आजीविका प्रोड्यूसर कंपनी श्योपुर के विरोध ग्राम संगठन एवं समूहो की महिलाएं जब इनके विरोध आवाज उठती हैं तब इनको धमकी दी जाती हैं कि तुम्हारे समुह को हटा दिया जाएगा
अब देखना यही है कि महिलाएं आत्मनिर्भर कैसे बनेंगी जबकि बीरपुर ,रघुनाथपुर में 100% में से 85%पौधे सूख चुके हैं आजीविका प्रड्यूसर कंपनी के लिए dpm एवं dfm दुवारा नीचे के कर्मचारियों पर दवाव एवं नौकरी से हटाने की धमकी दे कर समूह एवं ग्राम संगठन से चेक कटवाने हेतु बार बार निचले कर्मचारियों से कहा जाता हैं ऐसा न करने पर कर्मचारियों की बेतन काट लिया जाता हैं ये रोक दिया जाता हैं इन जिले के अधिकारियों के दुवारा निचले कर्मचारियों को लगातार परेशान किया जा रहा हैं