मप्र चुनाव क़ो लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला-OBC आरक्षण की मंजूरी-Bhopal news

भोपाल। भारत की राजधानी नई दिल्ली से बड़ी खबर आ रही है। उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश में आयोजित होने वाले नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षित सीटों को सामान्य घोषित कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव में 27% ओबीसी आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। इसके कारण मामला विवादित हो गया था और फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया। मध्य प्रदेश की सरकार 27% ओबीसी आरक्षण के लिए कोई ठोस दलील प्रस्तुत नहीं कर पाई, इसलिए दिनांक 10 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण को 0 करते हुए सभी आरक्षित सीटों को सामान्य घोषित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली दौड़-धूप शुरू की सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया कि वह अपने आदेश को संशोधित करें। पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से सन 2011 की जनसंख्या के आधार पर ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने आज OBC आरक्षण को मंजूरी दे दी है लेकिन ओबीसी आरक्षण कितना होगा इसका निर्धारण सरकार को करना है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेशित किया है कि सभी प्रकार के आरक्षण मिलाकर 50% से अधिक नहीं होना चाहिए।

मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका (एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन) दाखिल की थी। इस पर 17 मई को भी सुनवाई हुई। सरकार ने 2011 की जनसंख्या आंकड़े पेश करते हुए जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी आरक्षण मांगा था जबकि पिछड़ा वर्ग समाज की ओर से निवेदन किया गया था कि सरकार कोई भी गलती करती है तो उसका खामियाजा OBC को नहीं मिलना चाहिए। यानी कम से कम 14% पुराना वाला आरक्षण तो मिलना ही चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि एक सप्ताह में आरक्षण नोटिफाई किया जाए। अगले एक सप्ताह में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% (OBC, SC/ST को मिलाकर) से अधिक नहीं होगा।

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