शिवपुरी।न्यायालय न्यायाधीश जेएमएफसी अमित प्रताप सिंह ने 2 लाख रुपए का चैक बाउंस मामला प्रमाणित नहीं होने से मामले में आरोपी राजा राम गुर्जर को दोष मुक्त कर दिया। इस मामले में पैरवी एडवोकेट आशुतोष सिंह पुंडीर ने की थी।
जानकारी के मुताबिक परिवादी कम्पनी श्री राम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस
लिमिटेड द्वारा ₹200000 का चेक बाउंस बातकर राजा राम गुर्जर के खिलाफ परिवार दायर किया था। युक्त परिवादी कंपनी का कहना था कि राजाराम गुर्जर ने ढाई लाख रुपए पर्सनल लोन और बीमा के संबंध में कंपनी से प्राप्त किया था। इसके एवज में राजा राम ने इंडियन ओवरसीज बैंक का एक चैक फायनेस कंपनी को दिया। राजाराम द्वारा लोन की किस्त जमा नहीं करने पर जब कंपनी ने चेक बैंक में लगाया गया तो वह राशि नहीं होने की वजह से बाउंस हो गया। कंपनी के वकील ने राजाराम को नोटिस भेजा इसके बाद भी राशि जमा नहीं करने पर कंपनी ने परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया। पैरवी के दौरान राजा राम गुर्जर के वकील आशुतोष पुंडीर ने न्यायालय को बताया कि परिवादी कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए लोन एग्रीमेंट में कहीं भी राजाराम द्वारा बीमा व पर्सनल लोन कराए जाने हेतु कोई स्वीकृति नहीं दी गई। इसके साथ ही प्रति परीक्षण में परिवादी साक्षी द्वारा यह स्वीकार किया गया कि राजाराम गुर्जर ने अपनी लोन और ब्याज राशि को मिलाकर जो राशि बनती है उससे अधिक का भुगतान कर दिया। इसलिए न्यायालय ने मामले में अभियुक्त राजाराम गुर्जर को दोष मुक्त कर दिया।