Shivpuri:आरटीओ की मेहरबानी: मायापुर थाना क्षेत्र के महुआ-मुहासा मार्ग पर पलटी यादव बस,बिना फिटनेस के भर रही थी फर्राटे

शेखर यादव@शिवपुरी।जिले भर में अनेक यात्री बसें बिना फिटनेस के बेखौफ दौड़ रही हैं लेकिन जिम्मेदार इन बसों पर कार्रवाई करने की बजाए अपनी जांच को सिर्फ हेलमेट चेकिंग तक ही सीमित रखे हैं। वहीं आरटीओ की सक्रियता भी किसी हादसे के बाद ही होती है। बाकी दिनों में गतिविधियां शून्य ही दिखाई देती है। सामान्यतः आरटीओ हाईवे पर चल रही बसों की जांच कर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही बसों की हालत सबसे ज्यादा खराब रहती है। कंडम बसें, फिटनेस, बीमा वगैरह का तो पता ही नहीं रहता। जिसके चलते इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों की जान पर हमेशा संकट के बादल छाए रहते हैं।

बिना फिटनेस और टैक्स जमा किए फर्राटे भर रही यादव बस पलटी:

आरटीओ विभाग की इसी लापरवाही के चलते बीते मंगलवार के रोज यात्री बस क्रमांक एमपी-06पी 1017 अशोकनगर से ईशागढ, कदवाया, महुआ, मुहासा, तेरही होते हुए रन्नौद रूट पर चल रही एक कंडम बस मायापुर थाना क्षेत्र के महुआ मुहासा मार्ग के मोड़ पर पलट गई। जिससे आधा दर्जन से अधिक सवारियां घायल हो गई।बस बिना फिटनेस और टैक्स जमा किए चल रही थी। इन बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाया जाता है। जिसके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बिना फिटनेस के सड़कों पर दौड़ लगा रही बसों पर परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। कई बसों के अंदर फर्स्ट-एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र और इमरजेंसी विंडो नहीं है। परिवहन विभाग के अधिकारी किसी भी बस को परमिट तभी देते हैं जब उसके अंदर परिवहन विभाग से संबंधित जारी निर्देशों को बस संचालक पूरा करें लेकिन परिवहन विभाग के सौजन्य के चलते सड़कों पर सरपट दौड़ लगा रहे वाहन कब और किस समय लोगों की जिंदगी के लिए काल बनकर सामने आए जाए यह कहना बहुत मुश्किल है। क्योंकि दुर्घटना के बाद ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि जिले की सड़कों पर कुछ गाड़ियां बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के दौड़ लगा रही है तो कुछ गाड़ी को पुरानी और जर्जर हालत में भी विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। दरअसल, सड़क पर चल रहे वाहनों को फिटनेस देने का काम परिवहन विभाग है। विभाग के अफसर न तो सड़क पर दौड़ लगा रही गाड़ियों की जांच करते हैं और न ही जर्जर पुराने वाहनों को फिटनेस का सर्टिफिकेट देने में सख्ती बरतता है। दरअसल, यह सब पैसों का कमाल है। इसलिए विभाग आंख मूंदकर तमाशबीन बना रहता है।

इनका कहना है

“विभाग द्वारा समय समय पर यात्री बसों की जांच की जाती है। बिना फिटनेस के दौड़ गई यात्री बस का मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है। हम इस मामले की जांच कर लेते हैं जांच के बाद नियमानुसार जुर्माना और जब्ती की कार्यवाही की जाएगी”
रंजना कुशवाहा आरटीओ शिवपुरी

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