24 जून को चांद कनवर्ड होगा स्ट्रॉबेरी मून में :साथ दिखाई देंगे मंगल और शुक्र ग्रह

नईदिल्ली। जैसे पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है वैसे ही चांद भी धरती की परिक्रमा करता है और इस दौरान पृथ्वी के सबसे करीब होता है। इसी वजह से सुपरमून बाकी पूर्णिमा वाले चांद से ज्यादा बड़ा और खूबसूरत दिखाई देता है।

आमतौर पर स्प्रिंग के आखिरी फुल मून को ही स्ट्रॉबेरी मून कहते हैं। इसे ब्लूमिंग मून, ग्रीन कॉर्न मून, होएर मून, बर्थ मून, एग लेयिंग मून, हैचिंग मून, हनी मून और मीड मून के नाम से भी जाना जाता है। जून में आमतौर पर शादियां ज्यादा होती हैं। इस वजह से इसे हनी मून भी कहा जाता है।

चांद के साथ दिखाई देंगे मंगल और शुक्र ग्रह
स्ट्रॉबेरी मून गुरुवार को गुलाबी दिखने की बजाय सुनहरे रंग का दिखेगा। करीब शनिवार तक चांज ऐसी ही छटा बिखेरेगा। इस दौरान चांद के साथ-साथ शुक्र और मंगल ग्रह भी आसमान में दिखाई देंगे। साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने चांद के नाम छापने शुरू किए थे। इसके मुताबिक अप्रैल का फुल मून पिंक मून कहलाता है। पिंक मून का नाम अमेरिका में पाए जाने वाले एक पौधे के नाम पर रखा गया है।

इसलिए कहते हैं स्ट्रॉबेरी मून
स्ट्रॉबेरी मून का नाम दरअसल प्राचीन अमेरिकी जनजातियों से नाम मिला है, जिन्होंने स्ट्रॉबेरी के लिए कटाई के मौसम की शुरुआत के साथ पूर्णिमा को चिह्नित किया था। यूरोप में स्ट्रॉबेरी मून को रोज मून कहते हैं, जो गुलाब की कटाई का प्रतीक है। उत्तरी गोलार्ध में इसे गर्म चंद्रमा भी कहते हैं क्योंकि यह भूमध्य रेखा के उत्तर में गर्मी के मौसम की शुरुआत करता है।

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