Gwalior:-युवक के दिमाग में जम गया था खून,मैक्स हॉस्पिटल में सफल सर्जरी से बचाई गई युवक की जान







अंशुल मित्तल ग्वालियर। नई दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में ग्वालियर के 33 वर्षीय युवक को नया जीवन मिला। एक दुर्घटना में युवक के सिर में गंभीर चोट आने के बाद मरीज की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसके दिमाग में खून जम गया था, जिसके ब्रेन की सर्जरी की गई जो की सफल रही।

दरअसल सुभाषपुरा थाना जिला शिवपुरी में पदस्थ कांस्टेबल राधाकृष्ण धाकड़ नवंबर माह में, थाने के नजदीक एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी जिन्हें तत्काल ग्वालियर के लिंक हॉस्पिटल ले जाया गया, मरीज के सिर में गंभीर चोट थीं, जिसे देखते हुए उसे तुरंत ही मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, दिल्ली रेफर किया गया। जांच में पता चला कि ब्रेन की लेफ्ट टेंपोरल हड्डी में फ्रैक्चर है और इसके साथ ही दिमाग के अन्य हिस्सों में भी दुर्घटना की वजह से गंभीर, जटिल चोटें आई हैं। डॉ आशीष गुप्ता और डॉक्टर मनीष करने मरीज को आईसीयू में तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट दिया मरीज की कंडीशन देखते हुए रात में ही ब्रेन सर्जरी की गई और ब्लड क्लॉटिंग हटाई गई और अंततः यह सर्जरी सफल रही। अस्पताल में रहने के दौरान मरीज राधाकृष्णन की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हुआ और उनकी बेहतर रिकवरी को देखते हुए 15 दिन के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

ग्वालियर में भी उपलब्ध हैं मैक्स हॉस्पिटल के विशेषज्ञ

न्यूरो एवं स्पिन की समस्याओं से जूझ रहे मरीज जोकि दिल्ली के विशेषज्ञों से परामर्श लेना चाहते हैं उन्हें अब ग्वालियर में भी यह सुविधा उपलब्ध है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज दिल्ली में न्यूरोसर्जरी एंड स्पाइन विभाग के डॉक्टर मनीष गर्ग ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर के पास हॉस्पिटल रोड स्थित श्री डायग्नोस्टिक सेंटर के मैक्स पेशेंट असिस्टेंट सेंटर पर हर महीने के चौथा गुरुवार को सुबह 11:00 से दोपहर 2:00 तक मरीज को देखते हैं।

इनका कहना है
मरीज राधा कृष्ण का केस काफी चुनौती पूर्ण था लेकिन आपसी सहयोग के साथ हमारी हमारी टीम ने जो प्रयास की है और एडवांस तकनीक का प्रयोग किया जिसकी बदौलत अच्छे रिजल्ट आए। हमें गर्व है कि मरीज राधा कृष्ण की रिकवरी में हमारा योगदान रहा।
डॉ मनीष गर्ग, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल न्यूरोसर्जरी एंड स्पाइन विभाग

इनका कहना है
मैंने लगभग जीवन गवां दिया था, डॉ आशीष गुप्ता और डॉक्टर मनीष गर्ग और उनकी टीम की मेहनत की बदौलत आज मैं बिल्कुल फिट एंड फाइन जीवन जी रहा हूं।
मरीज, राधाकृष्ण धाकड़

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