भोपाल। सन 2020 का वर्ष हमेशा याद रखा जाऐगा,सन 2020 ऐसा वर्ष रहा हैं जिसमें दुनिया की रफ्तार थम गई। कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी। भारत के लोग लगातार कोरोना से संघर्ष कर रहे थे। मप्र में रविवार का सूर्योदय एक राहत भरा संदेश लेकर आया कि पिछले 11 माह में गुजरा रविवार का दिन ऐसा रहा जिसमें मप्र में एक भी मौत की खबर नही आई ।
रविवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण से एक भी मरीज की जान नहीं गई। यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा जारी स्टेट हेल्थ बुलेटिन से मिली है।
25 मार्च 2020 के बाद पहली बार ऐसा मौका आया हैए जब प्रदेश में एक भी कोविड मौत नहीं है। बीते 11 महीने से हर दिन कोई न कोई मरीज इस संक्रमण से मर रहा था। कई बार ऐसे मौके भी आएए जब एक मौत हुई, लेकिन शून्य मौत का आंकड़ा पहली बार आया है। 52 में से 22 जिले ऐसे रहेए जहां एक भी संक्रमित नहीं मिला। ज्यादातर जिले ऐसे हैंए जहां एक या दो संक्रमित ही सामने आए।
जबकि प्रदेश में अभी हर दिन 15 हजार से ज्यादा कोरोना सैंपल जांचे जा रहे हैं। हालांकि एक्टिव केस अभी सभी जिलों में हैं। भोपाल में सबसे ज्यादा 625 मरीज भर्ती हैं। बता दें कि प्रदेश में कोरोना से पहली मौत उज्जैन में 25 मार्च को हुई थी, 3820 लोग जान गंवा चुके हैं।
यह हैं वह मप्र के जिले के मौतो का बहीखाता
इंदौर, 10 दिन से कोविड मरीज की मौत नहीं
खंडवा, 47 दिन से 0 मौतें
जबलपुर, 26 जनवरी से शून्य
ग्वालियर, 4 दिन से जीरो
भोपाल, 2 दिन से मौतें शून्य
खरगोन, 9 जनवरी से 0
अस्पतालों में अब सन्नाटा, बेड खाली
बीते साल सितंबर का महीने कोरोना संक्रमण का सबसे बुरा दौर था। तब प्रदेश में सर्वाधिक 922 मौतें हुई थीं और 64082 संक्रमित मिले थे। हालात अब एकदम अलग हैं। भोपाल के कोविड अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं। सितंबर में रहने वाली 8 से 10ः की संक्रमण दर अब सिमटकर 1.1 प्रतिशत रह गई है।