SHIVPURI:नसबंदी के बाद पैदा हुआ पुत्र ,महिला ने कलेक्टर से लगाई मुआवजे की गुहार

नसबंदी ऑपरेशन के 1 साल बाद पैदा हुआ बच्चा महिला ने मुआवजे के लिए कलेक्टर से लगाई गुहार

शिवपुरी जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार पिछले कई सालों से नसबंदी को बढ़ावा देती आ रही है.परिवार नियोजन योजना के अंतर्गत नसबंदी कराने पर लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से राशि मिलती है.लेकिन हाल ही में ऐसे मामले सामने आये हैं, जहाँ 1-2 साल पहले नसबंदी करा चुकी महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है.ऐसा ही एक मामला मंगलवार को शिवपुरी कलेक्टर की जनसुनवाई में सामने आया है.जहां नसबंदी ऑपरेशन फेल होने के बाद दंपत्ति मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे है.

3 बच्चों के बाद कराया नसबंदी ऑपरेशन हुआ फेल:
जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के शेरगुडा गांव में रहने वाली गुड्डी पत्नी राजू जाटव के 3 बच्चे हैं इनकी परवरिश ठीक तरीके से हो, इसलिए गुड्डी ने 2021 में ही परिवार नियोजन यानी फैमिली प्लानिंग योजना के तहत शिवपुरी जिला अस्पताल में ऑपरेशन कराया था.लेकिन ऑपरेशन के एक साल बाद ही गुड्डी फिर से मां बन गईं.अब गुड्डी की इच्छा है कि उसे सरकार से मुआवजा मिले, ताकि वह अपने चौथे बच्चे की ठीक से परवरिश कर सके.

नसबंदी फेल होने पर नहीं मिला मुआवजा:
गुड्डी जाटव ने बताया कि नसबंदी फेल होने की जानकारी उसने स्वास्थ्य विभाग को दी और नियम अनुसार मुआवजे की मांग की लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया चौथे बच्चे की परवरिश के लिए मुआवजे की मांग को लेकर वह है
दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.मंगलवार को उसने जिला कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से मुआवजे की गुहार लगाई है.
जिस पर जनसुनवाई में बैठे अधिकारियों ने उसका आवेदन सीएमएचओ को फॉरवर्ड कर दिया है.
नसबंदी फेल होने पर है मुआवजे का प्रावधान:
जिला अस्पताल में पदस्थ परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ रोहित भदकारिया ने बताया कि नसबंदी ऑपरेशन फेल होने की स्थिति में शासन द्वारा मुआवजे का प्रावधान है. योजना के तहत ₹30000 की राशि प्रदान की जाती है.लेकिन इसके लिए नसबंदी फेल होने की सूचना 90 दिन के अंदर स्वास्थ्य विभाग को दी जानी चाहिए.

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