@अंशुल मित्तल।ग्वालियर में आज एक बार फिर राजनीति के आगे निगम प्रशासन बेबस देखा गया जहां एक तरफ नियमों का हवाला देते हुए आम जनता पर भारी-भरकम जुर्माने ठोंक दिया जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं को इन सभी नियमों के बंधनों से मुक्त रखा जाता है।
गौरतलब है कि आज ग्वालियर में कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी का आगमन होना है इसी के चलते पूरा ग्वालियर शहर होर्डिंग्स और विज्ञापनों से छुपा दिया गया है, यहां तक कि मुख्य चौराहे पर दिशा संकेतकों को भी नहीं बख्शा गया। और यह सारा विज्ञापन नगर निगम की अनुमति के बगैर किया गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है और ऐसा भी नहीं कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही अपने राजनीतिक रसूख का लाभ उठाती है, लेकिन यह कहां तक सही है कि एक आम आदमी के लिए अपनी ही संपत्ति पर एक बैनर या बड़ा बोर्ड लगाना इतना बड़ा जुर्म हो जाता है कि ग्वालियर नगर निगम द्वारा उस व्यक्ति पर तो लाखों रुपए तक का जुर्माना ठोक दिया जाता है और राजनीतिक पार्टियों को इन नियमों से अछूता रखा जाता है! यदि निष्पक्ष कार्रवाई की जाए तो नगर निगम को इन राजनीतिक विज्ञापनों से करोड़ों रुपए का राजस्व एक ही दिन में मिल सकता है लेकिन जुर्माना भरता है सिर्फ वह आम व्यक्ति जोकि अपना कीमती वोट देकर इन राजनेताओं को रसूखदार राजनेता बनाता है।
सवाल सुनकर बहाना बना गए निगम अधिकारी
ग्वालियर नगर निगम की विज्ञापन शाखा के नोडल अधिकारी हसीन अख्तर से हमारे संवाददाता ने फोन पर, जब इस मामले में जानकारी लेनी चाहिए तब उन्होंने ऑफिस में मिलकर बात करने को कहा और जैसे ही हमारे संवाददाता ऑफिस पहुंचे तब निगम अधिकारी हसीन अख्तर ऑफिस में नहीं मिले और संवाददाता का फोन उठाना ही बंद कर दिया और निगम कमिश्नर के तो कहने ही क्या, श्रीमान से फोन पर बात हो जाए तो समझो नारायण मिल गए!
निगम अधिकारियों का इस तरह का गैर जिम्मेदाराना रवैया यह स्पष्ट संदेश देता है, कि राजनीति में सिस्टम हो ना हो, सिस्टम में राजनीति जरूर हावी रहती है। सूत्रों के अनुसार विज्ञापन शाखा के इस मामले को लेकर एक राजनेता ने निगम अधिकारियों को कड़े लहजे में समझाइश भी दी थी।