Gwalior:-भ्रष्टाचार की नहर में बहता, पीएचई विभाग,बाबू से लेकर पंप ऑपरेटर तक, कर रहे मनमानी

@अंशुल मित्तल । ग्वालियर के पीएचई विभाग में हुआ घोटाला किसी से छुपा नहीं, इस घोटाले की रकम 15-16 करोड़ से बढ़ते बढ़ते, 50 करोड़ से ऊपर जा पहुंची है, इतने बड़े घोटाले के बावजूद विभाग के जिम्मेदार अपने अधीनस्थ बाबुओं और अन्य कर्मचारियों पर लगाम लगाने में असफल दिखाई दे रहे हैं।

बाबू की सेवा पुस्तिका ही विभाग से गायब

विभाग में लंबे समय कार्यरत रहे बाबू पीके गुप्ता, सहा. ग्रेड- 2, कार्यालय कार्यपालन यंत्री संधारण खंड क्रमांक-1 में स्थापना प्रभारी के पद से तकरीबन एक महीने पहले सेवानिवृत हुए, उनकी सेवा पुस्तिका ही विभाग से गायब बताई जा रही है। सूत्रों द्वारा ज्ञात है कि अपने रसूख के चलते यह खुद ही अपनी सेवा पुस्तिका अपने साथ ले गए हैं, सेवा पुस्तिका गायब होने का मतलब है कि कर्मचारी के काले सफेद कारनामों का रिकॉर्ड गायब होना, गौरतलब है कि जनवरी 2023 में तत्कालीन बाबू पीके गुप्ता को काम में लापरवाही के चलते निलंबित किया गया था, निलंबन आदेश के अनुसार निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पीएचई कार्यालय जिला श्योपुर निर्धारित किया गया था, लेकिन निलंबन अवधि के दौरान इन्होंने एक बार भी वहां ज्वाइन नहीं किया था। सेवा पुस्तिका गायब होने के चलते संभवतः इस निलंबन आदेश की एंट्री भी सेवा पुस्तिका में नहीं की गई!

विभाग में ट्रेनिंग पर और भी हीरालाल

गौरतलब है कि विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले का मास्टरमाइंड हीरालाल का मूल पद पंप ऑपरेटर का था जबकि विभाग इससे लिपिक जैसे महत्वपूर्ण काम कर रहा था और अंततः इसने एक बड़े कारनामे को अंजाम दिया। लेकिन इससे भी विभाग की आंखें नहीं खुली और आज भी हीरालाल जैसे कई कर्मचारियों से महत्वपूर्ण पदों पर काम लिया जा रहा है। बता दें कि पीएचई विभाग में महत्वपूर्ण कार्य करते देखे जाने वाले कर्मचारी राजेश कुशवाह, नितिन शर्मा और पीयूष गोस्वामी वास्तव में नगर निगम के विनियमित और अर्धकुशल कर्मचारियों की श्रेणी में आते हैं, ऐसे ही कई और कर्मचारियों से आज भी विभाग में लश्कर पूर्व उपखंड सहित अन्य जगहों पर महत्वपूर्ण काम कराये जा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि विभाग की जिम्मेदार ही हीरालाल जैसे भ्रष्ट कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हैं।

28 कर्मचारियों का वेतन रोका
सूत्रों की माने तो विभाग में बिना किसी नियुक्ति आदेश के कुछ बाहरी लोग कर्मचारी बन बैठे हैं ! संभवत इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को प्राप्त हुई इसीलिए विभाग के अधिकारी संजीव गुप्ता द्वारा 28 कर्मचारियों का वेतन रोके जाने के निर्देश दिए गए हैं।

इनका कहना है
बाबू पीके गुप्ता से संबंधित मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में आया है, हम जांच करेंगे। विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संजीव गुप्ता कार्यपालन यंत्री संधारण खंड क्रमांक-1 पीएचई, ग्वालियर

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