शिवपुरी। शहर के बहुचर्चित आत्महत्या प्रकरण में न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी विक्रम रावत को दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट मुनेश मिश्रा एवं एडवोकेट प्रदीप यादव ने प्रभावी पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार, 18 जून 2023 को फरियादी विक्रम रावत ने आरक्षी केंद्र देहात शिवपुरी में सूचना दी थी कि उसकी पत्नी वंदना रावत ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मर्ग जांच के दौरान मृतिका की मां और कुछ अन्य साक्षियों ने आरोप लगाया कि पति विक्रम रावत और उसका मौसेरा भाई खैरू रावत वंदना के साथ मारपीट व प्रताड़ना करते थे, जिससे तंग आकर उसने आत्महत्या की।
पुलिस ने मर्ग जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध धारा 306 एवं 34 भादंवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने तथ्यों, साक्ष्यों और गवाहों के कथनों में विरोधाभास को न्यायालय के समक्ष रखा।
न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन द्वारा आरोप सिद्ध न हो पाने की स्थिति में आरोपी विक्रम रावत को दोषमुक्त कर दिया। मामले में पैरवी सीनियर एडवोकेट मनीष मिश्रा एवं प्रदीप यादव ने की













