SHIVPURI NEWS-वनभूमि से कब्जा हटाने गए वनकर्मियो पर हमला कई वनकर्मी चोटिल

शिवपुरी-खबर शिवपुरी के सुरबाया के पास मोहम्मदपुर बस्ती में अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने गई वनविभाग की टीम पर बस्ती वालों ने हमला कर दिया। इस जानलेवा हमले में वनकर्मियों को निशाना बनाकर पत्थर बरसाए गए। इसमें कई वनकर्मी चोटिल हो गए। सिर फूटने से उनकी पूरी वर्दी खून से रंग गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के अनुसार, सुरवाया थाना अंतर्गत मोहम्मदपुर बस्ती सरंक्षित वन क्षेत्र में बसाए जाने की कवायद की जा रही थी। पहले कुछ ग्रमाीणों ने सरंक्षित वन क्षेत्र के अंदर जंगल की जमीन पर टपरे बनाकर कब्जा कर लिया था। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उनके हौसले बढ़ गए। इसके बाद वे लोग कब्जा करते हुए मुख्य मार्ग तक आ गए। इसकी जानकारी लगने पर रविवार को वन विभाग की फ्लाइंग स्क्वॉड टीम के छह-सात वनकर्मी इन लोगों को बेदखल करने के लिए पहुंचे। यहां वनकर्मियों के पहुंचने पर अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं को आगे कर दिया और वन अमले पर पीछे से पत्थरों की बरसात कर दी। पुरुषों ने उन पर लाठियों से भी हमला किया। अचानक हुए हमले से वनकर्मियों को संभहलने का मौका भी नहीं मिला। जब तक वे संभल पाते तब तक लक्ष्‌मी यादव पत्थर लगने से बुरी तरह लहूलुहान हो चुके थे। उनके साथ सादिक मोहम्मद भी पथराव में चोटिल हो गए। जानलेवा हमले से घबराकर वन अमला भाग खड़ा हुआ। बाद में घायलों को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। यहां लक्ष्‌मी कुमार यादव की स्थिति गंभीर थी। उन्हें चेहरे पर टांके लगाए गए हैं। उनकी पूरी वर्दी पर खून ही खून था।

हमला होने के बाद वन विभाग के अधिकारी सुरवाया थाने पहुंचे और इस मामले में एफआइआर लिखवाई। सुरवाया पुलिस ने चार नामदज लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई है। वन विभाग की टीम की शिकायत पर देवीलाल आदिवासी, रामसिंह आदिवासी, भूमन आदिवासी और कल्याण आदिवासी पर भादवि की धारा 353, 332, 186, 294, 323, 427, 336, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही दो-तीन अज्ञात व्यक्तियों पर भी मामला दर्ज किया गया है।

जब संरक्षित वन क्षेत्र की भूमि पर आदिवासी टपरिया छाबकर कब्जा कर रहे थे तब वन विभाग ने इस अतिक्रमण पर कोई भौतिक कार्रवाई न करते हुए सिर्फ वन चौकी पर सूचना दर्ज कर ली थी। जिसमें उल्लेख किया गया था कि नेशनल पार्क की भूमि पर आदिवासी कब्जा कर रहे हैं। इस मामले में कागजी कार्रवाई कर पार्क प्रबंधन ने इतिश्री कर ली। नतीजा यह निकला कि अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो गए और वे कब्जा करते हुए फोरलेन तक आ गए। जब पानी सिर के ऊपर से बहने लगा तब जाकर फ्लाइंग स्कॉड कब्जे को हटाने पहुंची और आदिवासियों ने उन पर हमला कर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

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