शिवपुरी। शिवपुरी खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम में पदस्थ जेएसओ गौरव कदम की कार्यप्रणाली से हर एक बाक़िफ़ है जहाँ बजन होता बही भजन होता ऐसा हम नहीं बोल रहे दबी जुबान में ऑफिस के कर्मचारियों बोलते है। एक ऐसा ही मामला में जेएसओ गौरव कदम क़ो शिवपुरी अपर कलेक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला के एक आदेश का जबाव देना मुनासिब नहीं समझा इसका सीधा सा मतलव है की विभाग में गौरव कदम की तुती बोलती है उनको कोई कुछ नहीं कर सकता है अगर आदेश पर गौर फरमाए तो एक आरटीआई की जानकारी देने के विषय में गौरव कदम क़ो अपर कलेक्टर ने आदेर्शित किया था कि संबंधित को आप 3 दिवस में जानकारी उपलब्ध कराए लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जानकारी देना जरूरी नहीं समझा साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट को जानकारी देने साफ इंकार कर दिया।
क्या था पुरा मामला समझे
जेएसओ गौरव कदम के हाथो में पोहरी के खाद्य अधिकारी की कमान थी। उसे संबंध में आरटीआई एक्टिविस्ट सूचना का अधिकार कानून का उपयोग करते हुए जानकारी चाहिए थी लेकिन सूचना का अधिकार के प्रथम 30 दिवस निकल जाने के बाद भी गौरव कदम के द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई इसको लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट ने अपील अपर कलेक्टर शिवपुरी दिनेश चंद्र शुक्ला क़ो की गई। अपर कलेक्टर के ऑफिस से शिवपुरी जेएसओ गौरव कदम को जानकारी देने के लिए पत्र लिखा था और संबंधित तीन दिवस के अंदर जानकारी निशुल्क देने एवं ऑफिस में अवगत कराने का आदेश जारी किया लेकिन गौरव कदम ने अपर कलेक्टर के इस आदेश की अवहेलना करते हुए जानकारी देना जरूरी नहीं समझा।
यह थी जानकारी
खाद्य अधिकारी गौरव कदम ने पोहरी में शासकीय उचित उचित मूल्य की दुकानों की जाँच की थी ओर दुकानों का नियम विरुद्ध आवंटन कर दिया। इस आवंटन में लाखों रुपए का सरकारी अनाज खुर्द बुर्द कर दिया गया था। अगर यह जानकारी सामने आती तो गौरव कदम पर कार्यबाही की जा सकती इसी कारण साहब के आदेश क़ो हवा में उड़ा दिया गया अब देखना यह होगा की अपर कलेक्टर की आदेश की अवहेलना करने के बाद कोई कार्यवाही होती है या नहीं या फिर इसी तरह से भ्रष्टाचार जारी रहेगा।