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दहेज प्रताड़ना के मामले मे सत्र न्यायालय ने किया दोष मुक्त, पैरवी अधिवक्ता प्रदीप यादव ने की

शिवपुरी। न्यायालय प्रथम सत्र न्यायाधीश विवेक शर्मा ने एक दहेज प्रताड़ना के मामले की अपील की सुनवाई करते हुए अपील को निरस्त कर पत्नी द्वारा पति व सास, ननद पर लगाए गए आरोपों से दोष मुक्त कर दिया है। मामले की पैरवी वरिष्ट अधिवक्ता मुनेश मिश्रा के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप यादव ने द्वारा की गई। अभियोजन का मामला संक्षेप में यह है कि परिवादिया का विवाह नितेश के साथ 20 जून 2021 को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न हुआ था। विवाह में उसके माता-पिता ने फर्नीचर, घरेलू सामान दिया था तथा विवाह पर लगभग दस लाख रूपये खर्च किए थे। विवाह के बाद से ही उसके पति नितेश, सास गंगादेवी व ननद निधि ने परिवादिया को दहेज की मांग करते हुए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करना

प्रारम्भ कर दिया। न्यायालय में आई साक्ष्य एवं अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होकर विचारण न्यायालय द्वारा अभियुक्तों को दोषमुक्त कर दिया। अपील में कोई विशिष्ट आधार नहीं लिए गए है, तथा अपील के आधार में अभिवचन इस प्रकार से किये गए, जैसे दोषसिद्धि के विरूद्ध अपील की गई हो। विचारण न्यायालय द्वारा पारित्त निर्णय उचित है। जिसमें हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है, अपीलांट की अपील निरस्त मामले की पैरवी वरिष्ट अधिवक्ता मुनेश मिश्रा के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप यादव ने की। अधिवक्ता प्रदीप यादव के तकों से सहमत होकर एवं अभियुक्त के अधिवक्ता प्रदीप यादव द्वारा प्रस्तुत न्यायदृष्टातों के आधार पर न्यायालय द्वारा अपीलांट की अपील को निरस्त कर दिया और अभियुक्तों को दोषमुक्त किया है।