शिवपुरी।आर्मी से रिटायर्ड फौजी ने 78 साल की उम्र में लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। उन्होंने मुंह के नीचे बंदूक रखकर फायर कर दिया। इससे उनका सिर फट गया और आंख दीवार पर चिपक गई। परिजन ने उन्हें फोन पर बात करने से मना किया था। जिसके बाद उन्होंने ये कदम उठाया। घटना शुक्रवार रात 9 बजे के बाद की है। कोतवाली पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट रात में ही मौके पर पहुंचे। यहां उन्होने घटना स्थल की बारीकी से जांच की। पुलिस ने शव मर्चुरी में रखवा दिया। शनिवार को शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन को सौंपा गया।
बेटे ने कहा- चिड़चिड़े और गुस्सैल हो गए थे
रिटायर्ड फौजी लखन परिहार के बेटे महेंद्र प्रताप ने बताया कि वे आर्मी की ड्यूटी के दौरान सीखे नियमों और उसूलों को आज भी मानते थे। सिविल लाइफ और आर्मी मैन की लाइफ में काफी अंतर होने के चलते वह चिड़चिड़े और गुस्सैल हो गए थे।
मोबाइल लेने के बाद मार ली थी गोली
बेटे महेंद्र ने बताया कि शुक्रवार रात पिता अपने कमरे में थे। वह रात 9 बजे फोन पर बात कर रहे थे तभी परिवार के सदस्य ने उनसे फोन पर बात न करने की बात कहते हुए मोबाइल ले लिया था। इसके कुछ देर बाद उन्होंने 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। घर पर मृतक की पत्नी, पुत्र अरुण परिहार व पुत्रवधू मौजूद थीं। परिवारवालों का कहना है कि वे फोन पर बात कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें मना किया था। मोबाइल ले लेने पर से गुस्से में गोली मार ली। लाइसेंसी बंदूक मृतक लखन सिंह के नाम पर ही है।
1988 में हुए थे रिटायर, इसके बाद की गार्ड की नौकरी
लखन परिहार आर्मी में नायक के पद पर पदस्थ थे। साल 1988 में वह रिटायर हो गए थे। बाद में उन्होंने आकाशवाणी शिवपुरी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की थी। यहां उन्होंने 2012 तक सिक्योरिटी की नौकरी की थी। इसके बाद वे करैरा रहने लगे थे। कोरोना काल खत्म होने के बाद उन्होंने शिवपुरी शहर के सेंट चार्ल्स स्कूल के पीछे मकान बनवा लिया था और अपनी पत्नी छोटे बेटे और बहू के साथ रहने लगे थे। लखन परिहार के दो बड़े बेटे भी हैं जो बाहर रहकर नौकरी करते हैं। फिलहाल कारण सामने नहीं आया हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।