शिवपुरी। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के सख्त निर्देशों के बाद, जिला खाद्य विभाग ने गत दिवस जिले भर के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर एक व्यापक जांच अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि उपभोक्ता अधिकारों का हनन न हो और नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए। जांच दल में जिला आपूर्ति अधिकारी तुलेश्वर कुर्रे, नापतौल निरीक्षक आर.के. चतुर्वेदी, और सहायक कर्मचारी नरेश यादव व अमित नीखरा शामिल थे, जिन्होंने पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाईं।पेट्रोल पंप पर बड़ा अंतर, 1152 लीटर पेट्रोल जब्त
जांच अभियान के दौरान, नरवर तहसील में स्थित मेसर्स रघुवर दयाल किसान सेवा केंद्र, सीहोर, में गंभीर अनियमितता पाई गई। पेट्रोल पंप पर लगी कंपनी की ऑटोमेशन मशीन और वास्तविक टैंक स्टॉक के बीच एक बड़ा अंतर सामने आया। विस्तृत जांच के बाद, टीम ने कुल 1152 लीटर पेट्रोल जब्त कर लिया। यह कार्रवाई फर्म के मैनेजर कल्लाराम बघेल की उपस्थिति में की गई। इस उल्लंघन के लिए, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत तत्काल एक प्रकरण दर्ज किया गया है। यह अधिनियम आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, उत्पादन और वितरण को नियंत्रित करता है, ताकि उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और कालाबाजारी व जमाखोरी को रोका जा सके।
हालांकि, इसी क्षेत्र में स्थित मेसर्स बजरंग फिलिंग स्टेशन, सीहोर, की जांच में टीम को कोई अनियमितता नहीं मिली। पंप के प्रोपराइटर यशपाल सिंह परिहार और मैनेजर अजीत सिंह गुर्जर जांच के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने पूरा सहयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें क्लीन चिट मिल गई।
गैस एजेंसी पर उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की पुष्टि पेट्रोल पंपों के साथ-साथ, गैस एजेंसियों पर भी कड़ी नजर रखी गई। कमल भारत गैस एजेंसी ग्रामीण मित्र की जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि एजेंसी उपभोक्ताओं से गैस रिफिल आपूर्ति के लिए निर्धारित दरों से अधिक राशि वसूल रही थी। यह उपभोक्ताओं के साथ सीधा धोखाधड़ी का मामला था। इस गंभीर अनियमितता की पुष्टि होने पर, संबंधित एजेंसी के विरुद्ध भी तत्काल प्रकरण दर्ज किया गया। यह कार्रवाई फर्म के मैनेजर बृजेश कुमार माहौर की उपस्थिति में की गई। इस तरह की अधिक वसूली सीधे तौर पर उपभोक्ता संरक्षण नियमों का उल्लंघन है और इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान होता है।
प्रशासन की सख्ती: अनियमितताओं पर लगातार कार्रवाई का संकेत
इस सघन जांच अभियान और उसके परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशानुसार की गई यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश देती है कि जिले में किसी भी तरह की अनियमितता या नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसे ही औचक निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जारी रहने की उम्मीद है, ताकि व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित की जा सके। यह अभियान न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करता है, बल्कि आम जनता में भी विश्वास पैदा करता है कि उनके साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी होने पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।