Home Crime news धोखाधड़ी कर हड़पी आदिवासियों की जमीन:इलाज के बहाने अंगूठा लगवाकर 20 हजार...

धोखाधड़ी कर हड़पी आदिवासियों की जमीन:इलाज के बहाने अंगूठा लगवाकर 20 हजार में रजिस्ट्री कराई, कलेक्टर से की शिकायत

शिवपुरी। शिवपुरी के कोलारस तहसील के कूड़ा पाड़ौन गांव में एक आदिवासी परिवार के साथ जमीन हड़पने का मामला सामने आया है। पीड़ित हरि आदिवासी ने जिला कलेक्टर से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। हरि का आरोप है कि गांव के ही सोनू उर्फ धनंजय शर्मा ने धोखे से उन्हें इलाज के बहाने कोलारस उप पंजीयक कार्यालय ले जाकर उनकी पुश्तैनी जमीन का विक्रय पत्र बनवा लिया, जबकि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं थी।

गुमराह कर 20 हजार में करा लिया जमीन का सौदा

पीड़ित हरि आदिवासी ने कलेक्टर को दिए अपने आवेदन में बताया कि उनके पिता चुन्नी आदिवासी के नाम गांव में पट्टे की कृषि भूमि थी। पिता के निधन के बाद यह जमीन उनके और उनके भाई के नाम पर दर्ज हो गई थी। हरि के अनुसार, गांव का सोनू उर्फ धनंजय शर्मा उन्हें इलाज कराने के बहाने कोलारस उप पंजीयक कार्यालय ले गया। हरि अनपढ़ होने के कारण सोनू की बातों में आ गए। आरोप है कि उप पंजीयक कार्यालय में सोनू ने उनसे कुछ कागजातों पर अंगूठा लगवा लिया। बाद में उन्हें पता चला कि उनकी जमीन शिशुपाल आदिवासी के नाम पर महज 20 हजार रुपए में बेच दी गई है।

अवैध कब्जे की शिकायत के बाद धोखाधड़ी का हुआ खुलासा

हरि को इस धोखाधड़ी का पता तब चला, जब शिशुपाल आदिवासी के माध्यम से योगेश शर्मा और उनके परिवार द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई। जब इस मामले की पड़ताल की गई, तो यह स्पष्ट हो गया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। हरि को धोखे में रखकर उनकी बेशकीमती जमीन को हड़प लिया गया। पीड़ित हरि का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही उन्हें जमीन बेचने के बदले कोई उचित रकम मिली।

पीड़ित ने कलेक्टर से की तीन प्रमुख मांगें

इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए पीड़ित हरि आदिवासी ने जिला कलेक्टर से तीन प्रमुख मांगें की हैं। पहली मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। दूसरी मांग में उन्होंने अपनी हड़पी गई जमीन को वापस दिलाने की गुहार लगाई है। तीसरी मांग यह है कि आरोपी सोनू शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी और षडयंत्र रचने के आरोप में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने पीड़ित हरि आदिवासी को मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया है।