शिवपुरी जिले के करैरा तहसील के ग्राम मामौनीकलां में शनिवार को हुए भंडारे के बाद बासी भोजन खाने से पूरे गांव की तबीयत बिगड़ने के मामले में स्टूल सेम्पल की जांच सामने आ गई है। पूरे गांव की तबीयत साल्मोनेला टाइफी वैक्टीरिया के कारण बिगड़ी थी। इस रिपोर्ट के बाद इस बात की आशंका समाप्त हो गई है कि भोजन में किसी ने कुछ मिला दिया होगा।
उल्लेखनीय है कि मामौनीकलां में ग्रामीणों ने मिलकर हनुमान मंदिर की स्थापन व प्राण प्रतिष्ठा करवाई है। 1 फरवरी को ग्रामीणों ने मिलकर इसका भंडारा किया। करीब पांच गांव के लोगों ने पहले दिन भंडारे में प्रसाद ग्रहरण किया। भंडारा अधिक बन जाने के कारण रविवार को भी मामौनीकलां गांव की करीब डेढ़ हजार की आबादी ने बासी भोना किया। इसके बार रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात से लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू गई। एक के बाद एक करके पांच सैकंड़ा ग्रामीण बीमार हो गए। स्वास्थ्य विभाग को तीन दिन तक गांव में ही डेरा डालकर रखना पड़ा। ग्रामीणों ने आशंका जाहिर की कि भंडारे में दूसरे दिन किसी ने कुछ मिला दिया या फिर कोई जहरीला पदार्थ भोजन में गिर गया। इसी के चलते प्रशासन ने न सिर्फ खाने के सेम्पल कलेक्ट किए बल्कि लोगों के स्टूल सेम्पल भी कलेक्ट किए गए। स्टूल सेम्पल की जांच आ गई है। इसमें पाया गया है कि लोगों की तबीयत बिगड़ने का कारण साल्मोनेला टाइफी वैक्टीरिया रहा। भंडारे की आलू की सब्जी में यह वैक्टीरिया पनप गया था और इसी ने सभी ग्रामीणों की तबीयत खराब की। यह वैक्टीरिया टाइफाइड जैसी बीमारी का जनक होता है। डाक्टरों का कहना है कि संक्रमण के 6 घंटे से 6 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं। इनमें खूनी दस्त, बुखार और पेट में ऐंठन शामिल है। ज़्यादातर लोग एंटीबायोटिक उपचार के बिना 4 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। लेकिन गंभीर दस्त वाले कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने या एंटीबायोटिक लेने की ज़रूरत पड़ सकती है। इसी क्रम में 7 फरवरी को जिला अस्पताल में उपचाररत लगभग एक सैंकड़ा मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जिला अस्पताल में अभी भी 49 मरीजों का उपचार जारी है।
स्टूल सेम्पल की जांच रिपोर्ट आ गई है। ग्रामीणों की तबीयत साल्मोनेला टाइफी वैक्टीरिया के कारण बिगड़ी है।
इनका कहना
इस वैक्टीरिया के संक्रमण से उपचार के लिए करीब सात दिन तक लग जाते हैं। हमने जिला अस्पताल में भर्ती लगभग एक सैंकड़ा मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया है। अब 49 मरीज जिला अस्पताल में उपचाररत हैं। डिस्चार्ज मरीजों को गांव छुड़वा दिया है।
डा संजय ऋषिश्वर
सीएमएचओ, शिवपुरी