शिवपुरी। पुलिस थाना भौंती क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व घटित हुए बहुचर्चित नवजात कार्तिक के अपहरण मामले में माननीय न्यायालय पिछोर ने दोषियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी छोटू उर्फ सुनील लोधी एवं दयाबती पत्नी रामेश्वर लोधी को 7-7 वर्षों के सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ द्वारा अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी, ठोस विवेचना और मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत कर न्यायालय से दोष सिद्ध कराए जाने के सख्त निर्देश दिए गए थे। इन्हीं निर्देशों के पालन में भौंती पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सराहनीय कार्य किया।
घटना का संक्षिप्त विवरण:
दिनांक 27 अगस्त 2023 को फरियादिया आरती पति अर्जुन केवट, निवासी ग्राम देवरी ने थाने में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक महिला उनके घर आई और पानी माँगकर बैठ गई। शाम को एक युवक के साथ मिलकर महिला ने फरियादिया के 7 माह के पुत्र कार्तिक को झांसे में लेकर अपहरण कर लिया।
मामले में थाना भौंती द्वारा धारा 363 भादवि के तहत अपराध क्रमांक 234/2023 पंजीबद्ध कर गंभीरता से विवेचना प्रारंभ की गई। मोबाइल लोकेशन और सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने जयपुर (राजस्थान) स्थित खाटूश्याम मंदिर, जगतपुरा से आरोपी दयाबती के कब्जे से नवजात बालक कार्तिक को सकुशल बरामद किया। बच्चे को उसकी मां को सुपुर्द किया गया।
गिरफ्तारी और साक्ष्य संकलन:
अन्य आरोपी छोटू उर्फ सुनील को भी शीघ्र गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल जब्त की गई। पुलिस द्वारा पूर्ण विवेचना कर आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
दिनांक 30 जुलाई 2025 को माननीय न्यायालय पिछोर द्वारा दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7-7 साल के कारावास व 1-1 हजार रुपये के दंड से दंडित किया गया।
प्रशंसनीय पुलिस कार्य:
इस पूरे प्रकरण में एसडीओपी पिछोर प्रशांत शर्मा, तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक अनिल भारद्वाज, उनि. प्रियंका पाराशर, उनि. अंशुल गुप्ता, सउनि सुखदेव भगत, प्रआर. राजेश शर्मा, आर. धर्मवीर रावत, आर. रामप्रसाद गर्जुर, आर. जलज रावत (सायबर सेल) तथा आर. आलोक व्यास (सायबर सेल) की विशेष भूमिका रही।
शिवपुरी पुलिस की तत्परता और समर्पण से नवजात को रक्षाबंधन के दिन उसके परिवार से मिलाया गया था, जिसकी प्रदेश स्तर पर व्यापक सराहना हुई थी।