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मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर: शिवपुरी-गुना में सेना तैनात, दतिया में 11 गाँव खाली कराए गए

शिवपुरी। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने कई जिलों में भयावह बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। शिवपुरी और गुना जिलों में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सेना को मोर्चा संभालना पड़ा है। वहीं, दतिया में सिंध नदी के उफान पर आने से 11 गाँवों को खाली कराया जा रहा है।
शिवपुरी में सिंध नदी का रौद्र रूप, 350 लोग फंसे शिवपुरी के कोलारस क्षेत्र में सिंध नदी के विकराल रूप धारण करने से कई गाँव पानी से घिर गए हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर टेंट लगाकर रहना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, यहाँ करीब 350 लोग अभी भी फंसे हुए हैं, जिनका सेना युद्धस्तर पर रेस्क्यू कर रही है। अब तक 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
गुना में बांध टूटने की आशंका, सेना और NDRF मोर्चे पर गुना जिले में पिछले 24 घंटों में 13 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे शहर की कई कॉलोनियाँ जलमग्न हो गई हैं। बमोरी इलाके में स्थित कलोरा बांध की वेस्ट बीयर टूट गई है, जिससे बांध के टूटने की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बबीना से सेना की एक टुकड़ी को बुलाया है। सेना, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), SDERF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और स्थानीय प्रशासन की लगभग 74 लोगों की संयुक्त टीम बांध को दुरुस्त करने में जुटी हुई है।
दतिया में सिंध का तांडव, 11 गाँव खाली कराए जा रहे है।
दतिया जिले में भी सिंध नदी के उफान पर आने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 11 गाँवों को खाली कराने का निर्देश दिया है। अब तक 4 गाँवों के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया है और बाकी गाँवों से लोगों को निकालने का कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्रालय से मांगी मदद, कलेक्टरों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने होमगार्ड मुख्यालय के बाढ़ आपदा नियंत्रण के स्टेट कमांड सेंटर से प्रदेशभर में बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालातों की समीक्षा की। उन्होंने बचाव कार्यों की स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि लोगों के रेस्क्यू के लिए रक्षा मंत्रालय से सेना के हेलिकॉप्टर सेवा की मदद मांगी गई है। उन्होंने अतिवृष्टि वाले जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की और उन्हें निर्देशित किया कि बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना उनकी प्राथमिकता है।
पूरे मध्य प्रदेश में राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, और प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।