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धोबी समाज के बरैठा बाबा ने ली थी जिंदा समाधि, अब ‘खूबत बाबा’ के नाम से देशभर में पूजनीय

शिवपुरी।जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर स्थित प्रसिद्ध खूबत बाबा मंदिर को लेकर रजक समाज में आक्रोश है। समाज ने असामाजिक गतिविधियों के चलते मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिए अब स्वयं समिति बनाकर देखरेख की जिम्मेदारी संभालने का निर्णय लिया है।

क्या है खूबत बाबा का इतिहास?

प्राचीनकाल में धोबी समाज (अब रजक समाज) के संत बरैठा बाबा भगवान शंकर के परम भक्त थे। उनके जीवन की एक रहस्यमयी घटना ने उन्हें चमत्कारी बना दिया। कहा जाता है कि वे बंगाल जाकर तंत्र विद्या सीख लाए और अपनी पत्नी कलावती को भी यह विद्या सिखाई। एक दिन प्रयोग के दौरान उन्होंने शेर का रूप धारण कर लिया। भयभीत कलावती से भूलवश जल का पात्र गिर गया और तभी से बाबा उसी शेर रूप में रहकर जंगल में चले गए, जहां उन्होंने जिंदा समाधि ले ली।

समय बीतता गया, फिर एक निःसंतान मोहन बंजारा को सपने में बाबा के दर्शन हुए। संतान प्राप्ति के बाद उसने बाबा की याद में एक चबूतरा बनवाया, जो धीरे-धीरे भव्य मंदिर में परिवर्तित हो गया और आज इसे ‘खूबत बाबा’ के नाम से देशभर में श्रद्धा से पूजा जाता है।

मंदिर की वर्तमान स्थिति

मंदिर में फिलहाल रामपाल आदिवासी पूजा-अर्चना कर रहे हैं, लेकिन चढ़ोतरी का सारा नियंत्रण दीपक शिवहरे नामक व्यक्ति के हाथ में है। आरोप है कि वह पिछले 5 वर्षों से हर दिन मंदिर में आने वाली ₹1000 से ₹3000 तक की चढ़ोतरी हड़प रहा है और मंदिर के किसी प्रकार के विकास या निर्माण में उसका उपयोग नहीं कर रहा।
यह भी आरोप हैं कि मंदिर परिसर में दारू पीना, मीट खाना, गंदगी फैलाना और शराब के नशे में मंदिर में सोने जैसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।

रजक समाज का निर्णय

रजक समाज ने हाल ही में एक बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि मंदिर की देखरेख के लिए समिति का गठन किया जाएगा।मंदिर परिसर की सफाई, रंग-रोगन, मरम्मत, गार्डन, धर्मशाला और पानी की टंकी जैसी सुविधाएं समाज द्वारा विकसित की जाएंगी।

स्टील की दान पेटी मंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी, जिसे हर महीने समिति की उपस्थिति में खोला जाएगा। मंदिर के बाहर “रजक समाज के संत – खूबत बाबा” नामक बोर्ड लगाया जाएगा।

आगामी बैठक 3 अगस्त को

अगली बैठक 3 अगस्त 2025 को आयोजित की जाएगी जिसमें शिवपुरी, डबरा, मुरैना, भिंड, गुना और अशोकनगर जिलों से समाजजन भाग लेंगे। इस बैठक में मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी।

उपस्थित प्रमुख समाजजन

इस बैठक में संभागीय प्रभारी दामोदर रजक, संभागीय अध्यक्ष बच्चू राम रजक, जिला अध्यक्ष अशोक रजक, युवा जिला अध्यक्ष रामेश्वर रजक, संभागीय युवा अध्यक्ष जसवंत रजक, वरिष्ठ सदस्य श्रीलाल रजक, कल्याण रजक, दीपक रजक, कप्तान रजक, बृजेश रजक (सचिव), कैलाश रजक (महामंत्री), सत्यवान रजक आदि शामिल हुए।
यह कदम रजक समाज की आस्था और संगठन शक्ति का परिचायक है, जो अपने संत की गरिमा और विरासत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।