चैक बाउंस मामले में आरोपी को 6 माह का सश्रम कारावास व 2 लाख 80 हजार रूपये प्रतिकर से किया दण्डित

शिवपुरी- एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी  न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 1 लाख 77 हजार 750 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार परिवादी मुकेश भार्गव पुत्र रामहेतु भार्गव निवासी कोठी नं.28 फतेहपुर शिवपुरी से परिचित होने के चलते अभियुक्त धर्मेन्द्र सिंह पुत्र रामप्रसाद चंदेल निवासी वीर सावरकर कॉलोनी शिवपुरी एक-दूसरे से भलीभांति परिचित थे। परिवादी मुकेश भार्गव से आरोपी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल ने अपनी पारिवारिक एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 2 लाख रूपये की राशि 26.01.2020 को प्राप्त किए थे और उक्त दिनांक को ही उधार ली गई राशि के भुगतान हेतु बैंक ऑफ इंडिया शाखा शिवपुरी का 26.05.2020 का चैक भुगतान हेतु प्रदत्त किया था। आरोपी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल ने कहा था कि उक्त चैक भुगतान हेतु अपने बैंक खाते में जमा कर देना तो आवश्यक रूप से चैक का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। परिवादी मुकेश भार्गव ने अभियुक्त धर्मेन्द्र सिंह चंदेल के द्वारा भुगतान हेतु प्रदत्त चैक अपनी बैंक शाखा आईडीबीआई बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो आरोपी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल का चैक अभियुक्त द्वारा अपर्याप्त राशि के कारण बैंक रिटर्न मेमो के साथ वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल को भेजा गया। आरोपी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल ने नोटिस के 15 दिवस बीत जाने के बाद भी उक्त धन राशि परिवादी मुकेश भार्गव को अदा नहीं की। तब परिवादी मुकेश भार्गव ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त धर्मेन्द्र सिंह चंदेल को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 2 लाख 80 हजार रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी मुकेश भार्गव को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव एवं सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय शाक्य, हैदर खान के द्वारा की गई।

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