शिवपुरी। जीएमसी शिवपुरी के बाद अब जिला अस्पताल शिवपुरी में प्रीमैच्योर डिलीवरी केस में नवजात को डॉक्टरों ने जीवन प्रदान किया है। सात माह में सीजर से जन्म 900 ग्राम वजन के शिशु की ठीक से सांसें भी नहीं चल पा रहीं थीं। अस्पताल के एसएनसीयू में शिशु का भर्ती रखकर लगातार 57 दिन इलाज चला।
डॉक्टर व स्टाफ ने आयुष की सांसें किसी भी कीमत टूटने नहीं दीं। 550 ग्राम वजन बढ़ने के साथ ही शिशु को मां के साथ डिस्चार्ज कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सुलक्षना पत्नी अमित शर्मा निवासी नाई की बगिया शिवपुरी की 2 अप्रैल 2022 को सीजन से प्री-मेच्योर डिलीवरी हुई थी।
पति अमित शर्मा ने बताया कि बीपी हाई होने की वजह से सीजर करना पड़ा। सातवे माह में जन्मे शिशु का वजन कम होने से ठीक से सांस नहीं ले पा रहा था। इसलिए बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। एसएनसीयू प्रभारी बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ बृजेश मंगल ने डाॅ गोलिया, डॉ गौतम, डॉ देवेंद्र, ऑपरेटर नितिन दुबे एवं सभी नर्सिंग स्टाफ की देर रेख में नवजात का इलाज शुरू किया।
सात माह में प्री-मैच्योर डिलिवरी से जन्मे बच्चे का इलाज करना डॉक्टर व स्टाफ के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन प्रयास जारी रखे और धीरे-धीरे वजन बढ़ने के साथ हालत में भी सुधर आता रहा। 27 मई को शिशु का जन्म 1 किलो 450 ग्राम हो गया है। पूरी तरह सुरक्षित होने पर 27 मई को मां के संग बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया है। डिस्चार्ज के वक्त सीएमएचओ डॉ पवन जैन व सिविल सर्जन डॉ आरके चौधरी मौजूद रहे। परिवार ने बच्चे का नाम आयुष रखा है। पिता अमित प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं। अमित ने बताया कि उनकी पहले से 12 साल की एक बेटी है।
प्रीमेच्योर डिलीवरी के करण शिशु की हालत बहुत ही नाजुक थी। लेकिन स्टाफ की मदद से हमने बच्चे का इलाज जारी रखा। जन्म वाले दिन शिशु का वजन 900 ग्राम था। एसएनसीयू में भर्ती रखने के बाद वजन बढ़कर 1 किलो 450 ग्राम हो गया है। बच्चा पूरी तरह सुरक्षित होने पर डिस्चार्ज कर दिया है। –
डॉ. बृजेश मंगल, बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ व एसएनसीयू प्रभारी जिला अस्पताल शिवपुरी