शिवपुरी। वर्तमान समय में इलाज जब ही सही होता है जब बीमारी से कई जांचे मरीज को करानी पड़ती हैं,यह जांच दवाओं से महंगी होती हैं और मरीज या उनके परिजनों की जेब पर बोझ पड़ता हैं,अब लेकिन ऐसा नही हैं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने डॉक्टरों को आदेश दिया हैं कि अस्पताल में इलाज कराने आए हुए किसी भी मरीज की बहार से जांच न करवाए।
सरकारी अस्पताल में आने के बाबजूद प्रायवेट अस्पताल की तरह इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस तरह की तमाम शिकायतें समय-समय पर सिविल सर्जन डॉ आरके चौधरी को लगातार मिल रही थीं,डॉक्टर जांच लिख रहे है और यह सभी जांच बहार की पैथौलोजी पर होती है, इसी के चलते सिविल सर्जन ने डाक्टरों पर लगाम कसने के लिए सभी डाक्टरों के लिए एक आदेश जारी किया है।
इस आदेश में उल्लेख किया गया है कि वह मरीजों को बाहर से जांच कराने के लिए प्रेरित न करें। शासन की मंशा अनुसार सभी मरीजों की जांच जिला अस्पताल में ही कराई जानी हैं, ताकि मरीजों को सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया तो हो ही सके साथ ही उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ भी मिल सके।
अस्पताल में मरीजों को मुफ्त हो रहीं 111 तरह की जांचें
अधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पताल में मरीजों को 111 तरह की जांचें पूरी तरह से निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें हायमेटोलॉजी से जुड़े करीब 15 टेस्ट, बायोकेमिस्ट्री से जुुड़े करीब 45 टेस्ट, यूरिन से जुड़े करीब सात तरह के टेस्ट, कोएगुलेशन से जुड़े पांच तरह के टेस्ट, केंसर माकर्स से जुड़े पांच तरह के टेस्ट, ऑटो इम्युन एसे, विटामिन सहित कई अन्य टेस्ट शामिल हैं।
अगर ऐसे में कोई आपको यह कहता है कि जिला अस्पताल में टेस्ट उपलब्ध नहीं है तो पहले इस बात की पुष्टि करें कि क्या वाकई जिला अस्पताल में वह टेस्ट उपलब्ध है या नहीं, इसके बाद ही टेस्ट बाजार में कराने जाएं।
कमीशन का खेल:कितने घंटे टिक पाऐगा आदेश
जिला अस्पताल से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो जिला अस्पताल में ज्यादातर महंगी जांचें पूर्णतः निःशुल्क की जाती हैं, लेकिन इसके बाबजूद कई डाक्टर ज्यादातर जांचें बाजार से करवा रहे थे। इसकी शिकायतें जब सिविल सर्जन तक पहुंचीं तो उन्होंने सख्त होते हुए सभी डाक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि वह सभी जांचें अस्पताल में ही करवाएं। कोई भी जांच बाजार से नहीं करवाई जाएगी। सूत्र बताते हैं कि जांचें बाजार से कमीशन के फेर में करवाई जा रही थीं। अब इस आदेश का अगर अक्षरशः पालन हुआ तो अस्पताल में अब कमीशन का खेल खत्म हो जाएगा। लेकिन कमीशन की लत लग चुकी डॉक्टरों का आदेश कितने घंटे टिक पाएगा यह सवाल बडा हैं।
अभी भी कई एक्स-रे कराए जा रहे बाजार से
जिला अस्पताल में अभी भी एक्स-रे की फिल्म मरीजों को कैमरे पर ही उपलब्ध कराई जा रही है। यहां तक कि उन्हें एक्स-रे के साथ मिलने वाली रिपोर्ट भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। ऐसे में कई बार डॉक्टर को जब मोबाइल पर एक्स-रे समझ में नहीं आता तो वह डॉक्टर के कहे अनुसार बाजार से अपना एक्स-रे करवा कर ला रहे हैं, ताकि उन्हें उचित उपचार उपलब्ध हो सके। अगर जिला अस्पताल में एक्स-रे फिल्म और उपलब्ध कराई जाने लगें तो कई मरीजों की समस्या और रुपये दोनों समाप्त हो जाएंगी।
इनका कहना है
हमने पहले से ही इस संबंध में स्पष्ट कर रखा है कि जिला अस्पताल में सभी जांचें उपलब्ध हैं और इस संबंध में नोटिस भी जारी किए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि किसने जांचें बाहर से करवाई हैं, लेकिन हमने सभी डॉक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि कोई भी डॉक्टर किसी भी मरीज को बाजार से जांच कराने के लिए प्रेरित नहीं करेगा।
डॉ आरके चौधरी,सीएस, जिला अस्पताल