SHIVPURI-माँ के शब के ले जाने नहीं मिला बाहन, पुलिसकर्मियों ने दिखाई मानबता

खबर कोलारस के बेहटा से जहाँ आज एक बेटा अपनी माँ के शब को ले जाने के लिए भटकाता रहा कोरोना महामारी के बीच लगें प्रतिबंध के कारण जनमानस को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ सरकार जहां स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात कहती है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ मामले ऐसे दावों की पोल खोलते है। ऐसा ही एक मामला रविवार को कोलारस में सामने आया जहां ग्राम बेहटा निवासी युवक अपनी मां का शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए करीब दो घंटे तक भटकता रहा। उसे मां के शव घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला। इस पर दो पुलिसकर्मियों ने अपने खर्च पर शव को ऑटो से घर पहुंचवााया।

जानकारी के अनुसार, बेंहटा निवासी रंजीत जाटव की मां की तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए 108 एंबुलेंस रंजीत की मां को कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ला रही थी, तभी रास्ते में रंजीत की मां ने दम तोड़ दिया। 108 एंबुलेंस शव को कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर छोड़कर चली गई। कोलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की व्यवस्था न होने के कारण मृतक का पुत्र दो घंटे तक भटकता रहा। वहीं कोरोनाकाल मे डर के चलते प्राइवेट एंबुलेंस और वाहन भी शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं थे। लॉकडाउन के बीच भीषण गर्मी में रविवार को मां का शव ले जाने के लिए भटक रहा रंजीत भटकते हुए एबी रोड बस स्टैंड पहुंचा, जहां लॉकडाउन में ड्यूटी दे रहे कोलारस पुलिस के आरक्षकों को रंजीत ने अपनी पीड़ा सुनाई। इस पर कोलारस पुलिस के आरक्षक असलम पठान और धर्मवीर ने मानवता दिखाते हुए स्वयं के खर्चे पर रंजीत के लिए ऑटो की व्यवस्था करवाई और शव को उसके घर पर भिजवाया।

Share this:

Leave a Reply

You cannot copy content of this page