पिछोर। पिछोर अपर सत्र न्यायाधीश आरएन भगवती ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अपने बच्चों को जिंदा जलाने वाली मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से पैरवी सहायक लोक अभियोजक बृजेश द्विवेदी ने की।
अभियोजन के अनुसार अरोपित वर्षा जाटव अपने बच्चों सुखिया, राजा और पप्पू के साथ अपनी ससुराल में सास-ससुर के पास ही पड़ौस में रहती थी। वर्षा का पति दिनेश जाटव मजदूरी के काम से लगातार बाहर रहता था और घर कम ही आता था, यही कारण था कि वर्षा अपने बच्चों के साथ अकेली ही रहती थी। पति के बाहर रहने के कारण तीन बच्चों के साथ अकेली रह रही वर्षा शारीरिक, मानसिक रूप से परेशान हो गई।
इसी के चलते उसने 2 दिसम्बर 2019 को अपने तीनों बच्चों सुखिया, राजा व पप्पू को घर में बंद कर उनके ऊपर कैरोसिन डाल कर उन्हें आग लगा दी। इसके बाद पीड़िता ने खुद के ऊपर भी कैरोसिन छिड़क कर खुद को आल लगा दी। वर्षा सहित तीनों बच्चों को इलाज के लिए पिछोर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें ग्वालियर रैफर कर दिया।
ग्वालियर में उपचार के दौरान तीनों बच्चों की मौत हो गई। पुलिस ने बच्चों की मां वर्षा के खिलाफ हत्या का प्रकरण कायम कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया। न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान सामने आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायाधीश ने आरोपित मां को आजीवन कारावास के दंड से दंडित किया है।