कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन जंग को आज 19 दिन हो गए हैं। दोनों देशों की वार-तकरार से यूरोप के देशों पर कोरोना का खतरा बढ़ गया है। अब तक 20 लाख से ज्यादा यूक्रेनी शरणार्थी यूरोपीय देशों में पहुंचे हैं। इनमें से ज्यादातर का वैक्सीनेशन नहीं हुआ। रविवार को डब्ल्यूएचओ की तरफ से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन और आसपास के देशों में 3 से 9 मार्च के बीच कोरोना के कुल 791,021 नए मामले सामने आए और 8,012 नई मौतें दर्ज की गई।
ऊधर, अब यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में भी लड़ाई तेज हो गई है, जो अब तक सेफ हैवन बना हुआ था। रूसी सेना ने रविवार को नाटो के सदस्य देश पोलैंड के बॉर्डर से महज 12 मील दूर यावोरिव में एक मिलिट्री ट्रेनिंग बेस पर क्रूज मिसाइलें दागकर 35 लोगों को मार दिया, जबकि 134 घायल हैं। रूस ने हमले में 180 विदेशी लड़ाकों को मारने का दावा किया है। रूस ने चीन से मांगे मिलिट्री इक्विपमेंट
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन में अपनी लड़ाई तेज करने के लिए चीन से मिलिट्री इक्विपमेंट मांगे हैं। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी मांगा है, ताकि अमेरिका, यूरोप व एशियाई देशों की तरफ से लगाए प्रतिबंधों से अपनी इकोनॉमी को बचा सके।
आज का सबसे बड़ा डेवलपमेंट- के नाटो के दरवाजे तक जंग न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लीव शहर के करीब हमले का शिकार हुआ मिलिट्री बेस इंटरनेशनल पीस कीपिंग सेंटर था, जहां अमेरिकी सेना एक महीने पहले तक यूक्रेन के सैनिकों को ट्रेनिंग दे रही थी। रूस ने यहां 30 से ज्यादा क्रूज मिसाइल दागी हैं। यूक्रेन सरकार ने इसे आतंकी हमला बताया है और एक बार फिर नाटो से यूक्रेन को नो फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भी हमले की पुष्टि की है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने 180 विदेशी लड़ाके मारे हैं, जो यूक्रेन की तरफ से लडऩे आए थे। रूसी सेना ने यह हमला अपनी उस चेतावनी के एक दिन बाद किया है, जिसमें उसने यूक्रेन को अमेरिका व अन्य देशों से मिलने वाले हथियारों को निशाना बनाने की बात कही थी।