शिवपुरी जिला अस्पताल में हार्ट अटैक से युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के गेट पर चक्काजाम किया, और छाती पर सिर पटक-पटक कर रोए. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर समय पर इलाज न देने का आरोप लगाया है, जिसके कारण युवक की मौत हो गई. वहीं, अस्पताल प्रबंधन इन आरोपों का खंडन कर रहा है।
जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान राजू जाटव के रूप में हुई है, जो शिवपुरी जिले के ग्राम टाटी थाना इंदरा का रहने वाला था. परिजनों के अनुसार,राजू को सीने में दर्द की शिकायत के बाद सुबह करीब 8:30 बजे जिला अस्पताल लाया गया था।
अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मरीज को जब लाया गया था, तो उसकी हालत गंभीर थी. उन्होंने यह भी कहा कि मरीज को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और उसकी नाजुक हालत को देखते हुए, उसे 8:35 बजे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था. लेकिन, परिजनों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज ले जाने से इनकार कर दिया और इलाज के लिए वहीं रुक गए. दुर्भाग्यवश, सुबह 9:45 बजे राजू ने दम तोड़ दिया।
परिजनों का आरोप और हंगामा
राजू की मौत के बाद, उसके परिजन आक्रोशित हो गए. उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए, अस्पताल के मुख्य गेट पर चक्काजाम कर दिया. इस दौरान, उन्होंने सड़क पर बैठकर चक्का जाम जमकर हंगामा किया. मृतक की पत्नी और मां, छाती पर सिर पटक-पटक कर रो रही थीं, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया. उनका आरोप था कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो राजू की जान बच सकती थी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
चक्काजाम और हंगामे की सूचना मिलते ही, कोतवाली के TI कृपाल सिंह राठौड़, यातायात प्रभारी रणवीर यादव, और तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा. अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को समझाया-बुझाया और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद ही परिजन शांत हुए और चक्काजाम खत्म किया.
इस घटना ने एक बार फिर जिला अस्पताल में इलाज की व्यवस्था और मरीजों को तुरंत बड़े अस्पतालों में रेफर करने के बाद परिजनों के सहयोग न करने जैसे मुद्दों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।