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तुलसी आश्रम में धूमधाम से मनाई गई तुलसी जयंती: भक्ति और शक्ति से जनचेतना जगाने का संदेश

शिवपुरी: अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन द्वारा कत्था मिल के सामने स्थित बड़े हनुमान मंदिर, तुलसी आश्रम के परशुराम सभागार में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज ने तुलसीदास के जीवन और उनकी रचनाओं पर प्रकाश डाला, और बताया कि कैसे उन्होंने अकबर के शासनकाल में भी भक्ति और शक्ति के माध्यम से जनचेतना को जागृत रखा।
प्रमुख अतिथियों ने किया दीप प्रज्वलित
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज, समारोह के अध्यक्ष मंशापूर्ण मंदिर के महंत रिंकू महाराज, और विशिष्ट अतिथि ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा एवं पंडित रमेश चंद्र कोठारी द्वारा किया गया। उन्होंने भगवान रामचंद्र, हनुमान जी और तुलसीदास जी की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। अतिथियों का स्वागत अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला संयोजक पंडित सुरेश कुमार भार्गव, पंडित कुंज बिहारी पाराशर और जानकी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम रावत ने फूल-मालाओं से किया।

रामचरितमानस में है सभी समस्याओं का निदान

महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास जी महाराज ने अपने आशीर्वाद उद्बोधन में गोस्वामी तुलसीदास के जन्म और उनकी रचनाओं का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि तुलसीदास का जन्म संवत् 1554 में बांदा जिले के राजापुर गांव में हुआ था और उनका निधन भी बनारस में आज ही के दिन हुआ। उन्होंने बताया कि तुलसीदास ने भगवान शंकर और पार्वती के आशीर्वाद से 12 ग्रंथों की रचना की, जिनमें रामचरितमानस सबसे प्रमुख है। महाराज ने कहा कि रामचरितमानस में संसार की सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है और यह ग्रंथ एक आदर्श राजा, पुत्र, सेवक और एक आदर्श राज व्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

भजन संध्या और प्रसाद वितरण
समारोह की अध्यक्षता कर रहे पंडित रिंकू महाराज ने तुलसीदास को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने मानवता के उत्थान के लिए ऐसी भावधारा प्रवाहित की, जिससे हम ईश्वर की आनंद भक्ति की ओर उन्मुख होते हैं। कार्यक्रम में पंडित रमेश कोठारी, सुरेश शर्मा ऐचवाड़ा वाले, और पंडित सतीश खौरघार वालों की मंडली ने शानदार भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन पंडित अजय शंकर भार्गव ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन त्रिलोकी चंद्र गुप्ता ने किया। अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पंडित देवेंद्र मड़वास, राजकुमार सुडैया, राजू पिपरघार, रामसेवक गॉड, राजेंद्र पांडे, राम प्रकाश शर्मा, हरगोविंद शर्मा, डॉ. सीपी उपाध्याय, डॉ. गोविंद बिरथरे, चंदू दांतरे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।