शिवपुरी। नगर पालिका में बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है, जहां शहर के आधा दर्जन वार्डों में बरसात के दौरान डाली गई गिट्टी-डस्ट में अनियमितताओं को लेकर ठेकेदार सहित नगर पालिका के दो उपयंत्रियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। यह कार्रवाई एसडीएम शिवपुरी की जांच रिपोर्ट और कलेक्टर के निर्देशों के बाद की गई है।
क्या है पूरा मामला?
नगर पालिका शिवपुरी में पदस्थ उपयंत्री जितेंद्र परिहार, सहायक यंत्री सतीश निगम, और ठेकेदार अर्पित शर्मा (शिवम कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर) के खिलाफ शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। यह मामला वार्डों की खराब सड़कों पर गिट्टी-डस्ट डाले बिना ही ठेकेदार द्वारा भुगतान लेने से जुड़ा है। पार्षदों ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि बिना काम के ही ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया है।
जांच में क्या सामने आया?
शिकायत के बाद, कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने तुरंत कार्रवाई की और एडीएम शिवपुरी और नपा सीएमओ की टीमों से भौतिक सत्यापन करवाया। टीमों ने वार्ड क्रमांक 01, 07, 17, 31, 36 और 39 का निरीक्षण किया, जहां 16,13,906 रुपये का मटेरियल कम पाया गया। इसका मतलब है कि ठेकेदार अर्पित शर्मा ने नगर पालिका के सहायक यंत्री सतीश निगम और उपयंत्री जितेंद्र परिहार की मिलीभगत से बिना मटेरियल सप्लाई किए ही इतनी बड़ी राशि का भुगतान ले लिया था।
किन धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ?
पटवारी रवि प्रकाश लोधी की रिपोर्ट पर तीनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318 (4), 316 (5), 61 (2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 13(1)(a) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आगे क्या?
सूत्रों के अनुसार, यह नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित पहली एफआईआर है, और ऐसी संभावना है कि इस तिकड़ी के खिलाफ और भी मामलों में एफआईआर दर्ज की जा सकती है। यह घटना शिवपुरी नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करती है।