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कांग्रेस को संविधान की चिंता नहीं सत्ता की चिंता : वेद प्रकाश शर्मा संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाई गई आपातकाल की 50वी बरसी

शिवपुरी। कांग्रेस के लिए संविधान से ज्यादा परिवार और सत्ता महत्वपूर्ण है। 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा व्यक्तिगत सत्ता को बनाए रखने और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने के लिए की गई थी, जिसने उनके चुनाव को अवैध ठहराया था। उन्होंने संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन और व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा। कांग्रेस पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार (गांधी-नेहरू परिवार) का नेतृत्व रही है जो आंतरिक लोकतंत्र की कमी को दर्शाता है और पार्टी में पारिवारिक निष्ठा को योग्यता से अधिक महत्व दिया जाता है। वर्तमान मोदी सरकार ने इस दिन को सविधान हत्या दिवस के रूप में घोषित करने का बड़ा कार्य किया है जिससे कि वर्तमान पीढ़ी व आने वाली पीढी कांग्रेस का चाल चरित्र चेहरा जान सके इसी के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वर्तमान पीढी की आस्था बढ़े। यह बात पीएस होटल में आयोजित आपातकाल पर सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने कही।

लोकतंत्र सेनानी मोहन बिटवेकर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज से 50 वर्ष पहले, 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोप दिया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था। आपातकाल लगाने का उद्देश्य नेहरू-गांधी परिवार का सत्ता पर वर्चस्व बनाए रखने की लालसा में संविधान को रौंदने का कुत्सित प्रयास था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक “काला अध्याय” है। भाजपा हर साल 25 जून को आपातकाल की बरसी पर “संविधान हत्या दिवस” या “काला दिवस” के रूप में मनाती है। आपातकाल के समय लोकतंत्र सेनानियों ने कांग्रेस की सत्ता के सामने न झुकते कड़ा संघर्ष किया जिसके परिणाम स्वरूप इमरजेंसी हटाई गई और लोकतंत्र की पुनः स्थापना भारत में हुई। ऐसे समस्त लोकतंत्र सेनानियों व उनके परिवार जनों को साधुवाद है।

कार्यक्रम संयोजक व पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक ने कहा कि इंदिरा गांधी ने गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रद्य किए गए चुनाव से बचने के लिए बिना केबिनेट की अनुशंसा के मध्य रात्रि में संपूर्ण भारत में आपात काल लगा दिया था। जिसके कारण पूरा देश कारागार बन गया था। विभिन्न विचारधाराओं के नेता अटल, जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नाडीज जैसे अनेकों दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद कर दिया मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लोगों की स्वतंत्रता पर इमरजेंसी के नाम पर कुठाराघात किया गया। इस कार्यक्रम का सहसंयोजक महामंत्री पृथ्वीराज जादौन, सदस्य मंत्री व सांसद प्रतिनिधि मनीष अग्रवाल एवं उपाध्यक्ष किसान मोर्चा योगेंद्र यादव को बनाया गया था। इस अवसर पर मीसाबंदी कामता प्रसाद बेमटे, हरिहर निवास शर्मा, विमलेश गोयल, अशोक शर्मा, महेश गौतम, ओम प्रकाश शर्मा, गोपाल सिंघल को शाॅल व माला पहनाकर सम्मानित किया एवं जनसंघ के समय जिला अध्यक्ष रहे प्रभाकर लवंगीकर को भी शाॅल व माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर आपातकाल को लेकर प्रदर्शनी भी लगाई गई। मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा, महामंत्री सोनू बिरथरे, गगन खटीक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री व कार्यक्रम सहसंयोजक पृथ्वीराज जादौन व आभार उपाध्यक्ष अशोक खंडेलवाल द्वारा किया गया