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माता टीला डैम में नाव हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत, कलेक्टर ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश और जारी किए सख्त निर्देश

शिवपुरी जिले के खनियाधाना थाना क्षेत्र में माता टीला डैम में नाव पलटने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। यह हादसा 18 मार्च, मंगलवार शाम को हुआ, जब रजावन गांव के 15 लोग नाव से डैम के बीच टापू पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर में होली की फाग खेलने जा रहे थे। मंदिर पहुंचने से पहले ही नाव करीब 300 मीटर पहले पलट गई, जिससे सभी श्रद्धालु डूबने लगे। स्थानीय ग्रामीणों ने 8 लोगों को बचा लिया, लेकिन तीन महिलाओं और चार बच्चों की डूबने से मौत हो गई।

इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट रवीन्द्र कुमार चौधरी ने हादसे के कारणों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) पिछोर, शिवदयाल धाकड़ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा के लिए सख्त आदेश जारी

इस हादसे के बाद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कलेक्टर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया है।

अब जिले की नदियों, नहरों, झीलों, जलाशयों में यात्रियों का नाव से परिवहन करने के लिए पंजीयन अनिवार्य होगा।

नाविकों को संबंधित नगर पालिका अथवा जनपद पंचायत में अपनी नाव का पंजीयन कराना होगा, और इसका रिकॉर्ड रखा जाएगा।

हर नाव का राज्य आपदा मोचन बल (SDERF) से हर 6 महीने में भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा।

नाव में क्षमता से अधिक यात्री नहीं बैठाए जाएंगे और लाइफ जैकेट का उपयोग अनिवार्य होगा।

नाविकों को प्रशिक्षित और अनुभवी होना अनिवार्य होगा, तथा उन्हें तैराकी आना जरूरी होगा।
नाव में सभी सुरक्षा उपकरण जैसे लाइफ जैकेट, फ्लैग, सायरन और टॉर्च आदि रखना अनिवार्य होगा।
खराब मौसम, आंधी, बारिश जैसी स्थिति में नाव का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

नाविकों एवं यात्रियों को नाव पर धूम्रपान, शराब पीने या कोई भी मादक पदार्थ का सेवन करना सख्त मना होगा।

यात्रा के दौरान यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।

इस आदेश के पालन की निगरानी पंचायत सचिव और सहायक सचिव द्वारा की जाएगी, और उल्लंघन पाए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं संबंधित पुलिस थाने को इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा।