शिवपुरी। शहर में परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। RJ01GB7464 नंबर के दो ट्रक शहर में दौड़ते देखे गए, लेकिन जब आरटीओ विभाग को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने सिर्फ एक ट्रक को पकड़कर कार्यवाही कर दी, जबकि दूसरा ट्रक गायब हो गया। यह मामला विभाग की लापरवाही और कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।
सूचना के बावजूद अधूरी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोगों ने आरटीओ विभाग को जानकारी दी थी कि शहर में एक ही नंबर के दो ट्रक घूम रहे हैं। इसके बावजूद विभाग ने केवल एक ट्रक को पकड़कर अपनी कार्रवाई पूरी मान ली। जबकि शहर में मौजूद लोगों ने दोनों ट्रकों की तस्वीरें लीं, जिनमें साफ दिख रहा था कि दोनों अलग-अलग थे, लेकिन नंबर एक ही था।
जब भारत समाचार की टीम ने जांच की, तो सामने आया कि पकड़े गए ट्रक और फोटो में दिख रहे दूसरे ट्रक के रंग और डिजाइन अलग थे। आरटीओ कार्यालय जाकर देखा गया तो वहां तस्वीरों में दिख रहा एक ट्रक खड़ा था, लेकिन दूसरा ट्रक नदारद था।
आरटीओ की सफाई, लेकिन जवाब अधूरा
इस मामले में जब आरटीओ रंजना कुशवाह से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें ओवरलोड ट्रक की सूचना मिली थी, जिसे पकड़कर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। लेकिन जब उनसे दूसरे ट्रक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई।
प्रशासन की लापरवाही या मिलीभगत?
इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
जब आरटीओ को दो ट्रकों की सूचना थी तो उन्होंने केवल एक ही ट्रक क्यों पकड़ा?
क्या विभाग को दूसरे ट्रक के बारे में जानबूझकर अनदेखा करने को कहा गया था?
अगर यह फर्जी नंबर प्लेट का मामला है तो अब तक कोई ठोस जांच क्यों नहीं हुई?
शहर में अवैध वाहनों के संचालन और आरटीओ की उदासीनता का यह मामला गंभीर जांच की मांग करता है। अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आगे भी ऐसे फर्जीवाड़े चलते रहेंगे और नियमों का मजाक बनता रहेगा।