विगत दिवस सरस्वती विद्या मंदिर पिछोर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का कार्यक्रम हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पिछोर के एसडीओपी प्रशांत शर्मा एवं कथा वाचक श्री वृंदावन लाल जी शास्त्री उपस्थित हुए सर्वप्रथम मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित करके कार्यक्रम को प्रारंभ किया इसके पश्चात श्री कृष्ण जी के प्रतिमा पर तिलक बंदन कर पुष्प अर्पित किए दोनों अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्राचार्य राजेश सक्सेना जी के द्वारा किया गया इसके पश्चात सर्वप्रथम वृंदावन लाल शास्त्री जी ने बताया की श्री कृष्ण के प्रेम को अपने जीवन में उतरना चाहिए जिस प्रकार से श्री कृष्ण ने प्रेम के जीवन से अनेक अलौकिक लीलाएं की हैं उन्हें अपने जीवन में उतरना चाहिए हम धन्य हैं इस भू धरा पर कि भारत भूमि में हमें जन्म मिला है हमारी संस्कृति एवं सभ्यता सभी देशों से श्रेष्ठ है इसके पश्चात पिछोर के एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने भैया बहनों को बताया कि हमें श्री कृष्ण सुदामा जैसी मित्रता करना चाहिए तथा श्री कृष्णा की गीता के वचनों को हमें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए जव छोटे से हम इन आचरणों को उतरेंगे तो हमारा जीवन श्रेष्ठ और सफल बनेगा भारत की संस्कृति और सभ्यता को हमें अपने जीवन में उतरना चाहिए जिससे कि हम श्रेष्ठ और सफल बन सके उन्होंने भैया बहनों को मार्गदर्शन करते हुए कहा कि यदि आप मित्रता करना चाहते हैं तो श्री कृष्णा और सुदामा जैसी मित्रता होना चाहिए इसके पश्चात प्रशांत शर्मा ने श्री कृष्ण के स्वरुप बनकर आए 200 श्री कृष्ण के स्वरूपों की पूजा अर्चना कर उनकी आरती की एवं उनका बंदन किया और अंत में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा जिसमें सभी भैया बहनों को मुख्य अतिथियों के द्वारा पुरस्कार वितरित की वितरण किया गया और अंत में विद्यालय के प्राचार्य सक्सेना जी के द्वारा आभार व्यक्त किया गया एवं कार्यक्रम का संचालन बहन अपूर्व कलावत और बहन नित्य तिवारी के द्वारा किया गया













