खबर खनियांधाना के ग्राम पंचायत रेबई से है जहाँ सचिब विकास पाठक ने ग्राम पंचायत रेबई मे मनरेगा योजना के अंतर्गत 2020 मे ग्राम सुदूर सड़क की स्वीकृत की गई थी ये दो सड़कों क़ो मनरेगा पोर्टल पर कम्प्लीट बताकर सचिब विकास पाठक ने 27 लाख की राशि निकलकर सड़कों क़ो कम्प्लीट बता दिया और धरातल पर अगर देखा जाये तो ऐसी कोई सड़क नहीं बनाई गई है इसका साफ इसरा ये ही की सचिब के द्वारा पूरा पैसा निकाल कर हड़प लिया गया है और आज दिनांक तक सचिब विकास पाठक पर कोई कार्यबाही नहीं की गई है इसको लेकर गॉव के लोगों ने शिकायत भी दर्ज कराई थी पर खनियांधाना सीईओ ने कार्यबाही के नाम पर ढीला हाबली करदी है
मामला क्या है –
1- पहली ग्राम सुदूर सड़क प्रधानमंत्री सड़क से मजरा उसरा के लिए लिए डाली जानी थी उसकी स्वीकृत राशि 14.07 लाख रुपए मे से 1373271 लाख की राशि निकाल ली गई है पर सड़क कहीं से कही तक दिखाई नहीं दें रही है
2- दूसरी ग्राम सुदूर सड़क मजरा उसरा से खिरिया की और डाली जानी थी और उसकी स्वीकृत राशि 14.28 लाख हुई थी उसमे से 1390038 लाख रुपए निकाल लिए गए है पर धरातल पर सड़क कही दिखाई नहीं दें रही है
इसका आशय यह ही की सचिब विकास पाठक के द्वारा पूरा पैसा निकाल कर शासन की आँखों मे धूल झोकने का काम किया है और लाखो रुपयों का गबन करके आराम फरमा रहे है मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे लोगों पर सख्त सज़ा देने की बात करते है पर सचिब साहब आज तक अपने कार्य पर बने हुए है उनके ऊपर कोई कार्यबाही नहीं की गई है ऐसा तो नहीं की पूरी दाल काली हो उसका स्वाद सब लोगों ने चख लिया है l बरहाल यह देखना होगा कि कब तक सचिव पाठक पर कार्यवाही की जाएगी!