Shivpuri:खरई स्वास्थ्य केंद्र में महिला सफाईकर्मी ने करा दी डिलीवरी, नवजात बच्ची की मौत

कोलारस।कोलारस अनुविभाग के खरई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला सफाई कर्मचारी ने प्रसूता की डिलीवरी करा दी। जिससे नवजात बच्ची की जन्म के कुछ मिनटों बाद ही मौत हो गई। घटना आज (11 अगस्त) की है। परिजनों का आरोप है कि प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार को अस्पताल लाए थे। उस समय अस्पताल में कोई भी डॉक्टर और नर्स मौजूद नहीं थे। ऐसे में लापरवाही के चलते नवजात को नहीं बचाया जा सका। हालांकि, प्रसूता अभी अस्पताल में भर्ती है। जो स्वस्थ बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोलारस बीएमओ को जांच के लिए भेजा गया है।

कोलारस अनुविभाग के तेंदुआ थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव के रहने वाले राम सेवक ओझा ने बताया कि आज (11 अगस्त) सुबह से उसकी पत्नी रानी ओझा (32) को प्रसव पीड़ा उठ रही थी। जिससे आज की सुबह 9 बजे से कई फोन एम्बुलेंस को गांव बुलाने के लिए लगाए थे। हालांकि, एम्बुलेंस गांव नहीं पहुंची। इसके बाद निजी वाहन से वह अपनी पत्नी को लेकर खरई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था।राम सेवक ओझा ने बताया वह दोपहर साढ़े 12 बजे पत्नी को लेकर खरई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया था। लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर और नर्स ड्यूटी पर नहीं मिला था। इसके वाद एक महिला आई और उसकी पत्नी को लेबर रूम में ले गई। जहां उसकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। लेकिन कुछ मिनटों के बाद उसकी नवजात बेटी खत्म हो गई। बाद में पता चला कि जिस महिला ने डिलीवरी कराई थी वह अस्पताल में सफाई कर्मचारी के पद पर पदस्थ हैं।

बता दें कि जिस महिला सफाई कर्मचारी ने रानी ओझा की डिलीवरी की थी। उसका नाम नीतू हैं। नीतू ने बताया कि रविवार को डॉक्टर-नर्स अस्पताल नहीं आते हैं। उसने डॉक्टर और नर्स की अनुपस्थिति में उसने डिलीवरी कराई थी। बच्ची के मौत के वाद परिजनों ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

उनका कहना हैं कि बच्ची के जन्म के वाद उसे उपचार नहीं मिला। जिससे उसकी मौत हो गई। डिलीवरी के दौरान सफाई कर्मचारी ने भी नहीं बताया कि वह सफाई कर्मचारी हैं। अगर सही जानकारी दी जाती तो वह अपनी पत्नी को जिला अस्पताल ले जाकर अपनी नवजात बच्ची की जान बचा सकता था।

बता दें कि जिस महिला सफाई कर्मचारी ने रानी ओझा की डिलीवरी की थी। उसका नाम नीतू हैं। नीतू ने बताया कि रविवार को डॉक्टर-नर्स अस्पताल नहीं आते हैं। उसने डॉक्टर और नर्स की अनुपस्थिति में उसने डिलीवरी कराई थी। बच्ची के मौत के वाद परिजनों ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं।

उनका कहना हैं

मामला  जानकारी में आया था। तत्काल कोलारस बीएमओ को जांच के लिए खरई गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया हैं। इसके बाद लापवाहों पर कार्रवाई की जाएगी।

डॉक्टर संजय ऋषिश्वर जिला टीकाकरण अधिकारी शिवपुरी

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