शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग के टीलाकला गांव में हैजा फैलने से गांव में 60 से भी ज्यादा बच्चे सहित ग्रामीण उल्टी-दस्त का शिकार हो गए। इस बीमारी में जब दो साल की मासूम ने जान गवाई तब प्रशासन हरकत में आया। बता दें कि गांव में बीमारी कुएं के दूषित पानी पीने से फैली थी। हैजा फैलने की सूचना के बाद प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग इस गांव के हालातों पर नजर गढ़ाए हुए हैं। वहीँ कई मरीजों का उपचार जिला अस्पताल में जारी हैं।
जानकारी के मुताबिक़ गोरा-टीला गांव में पिछले 10 दिनों ने क्षेत्र में बिजली की सप्लाई भुगतान संबधी विवाद के चलते बंद पड़ी हुई थी। इसके चलते गांव का इकलोता बोरबेल नहीं चल पा रहा था। साथ ही लोगों को बारिश के मौसम में मच्छरों का सामना भी करना पढ़ रहा था। बताया गया हैं कि गांव के स्कूल के पास एक कुएं से सभी ग्रामीण पानी भरकर काम चला रहे थे। बताया गया हैं कि कुएं के दूषित पानी पीने से सात दिन पहले एक आदिवासी महिला बीमार हुई इसके बाद गुर्जर बस्ती की महिला बीमार हुई थी। तभी से एक के बाद एक लोग बीमार पढ़ने लगे।
बच्ची के मौत के बाद जागा प्रशासन –
बताया गया हैं कि रविवार को गोरा टीला गांव की आदिवासी बस्ती में रहने वाली दो साल की सुहानी पुत्री राजाराम आदिवासी की मौत उल्टी दस्त की बीमारी से हो गई थी। इसके बाद कई ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची की मौत की सूचना मिलते ही सोमवार को प्रशासन में गांव के दो दो बोरबेल में हैंडपंप लगवाने का कार्य किया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में मिले 66 मरीज –
सूचना के स्वास्थ्य विभाग की टीम टीलाकला गांव बीते रोज पहुंची थी। यहां डॉक्टरों द्वारा उल्टी, दस्त, जुखाम, खांसी, बुखार, आदि का परीक्षण किया गया था। इसके साथ मलेरिया की जांच भी की गई थी। लेकिन जांच में सामने आया कि किसी भी ग्रामीण को मलेरिया नहीं हुआ हैं। ग्रामीणों के स्वास्थ्य परीक्षण में कुल 66 मरीज बीमारी से ग्रसित थे। जिनमे उल्टी-दस्त के 28, पेट दर्द के 9, बुखार के 12 और अन्य बिमारी के 17 मरीज मिले थे। इनमे से अनिता आदिवासी पुत्री बल्लू आदिवासी (15), निशा पुत्री बैजू आदिवासी (13) को तत्काल टीम द्वारा जिला अस्पताल रेफर किया गया था। बता दें कि इससे पहले महिपाल गुर्जर, 13 की अनिशा आदिवासी सहित अन्य को जिला अस्पताल में भर्ती उनके परिजनों ने करा दिया था।
बता दें कि कोलारस एसडीएम सहित अन्य प्रशानिक अमले ने टीलाकला गांव का निरीक्षण किया हैं। वहीँ जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ बीएल यादव का कहना हैं कि उल्टीदस्त से ग्रसित कुछ बच्चों से सहित ग्रामीणों को भर्ती कराया गया हैं। सभी स्वास्थ्य हैं धीरे धीरे उनकी छुट्टी भी होना शुरू हो गई हैं।