जो इंद्रियों के अधीन होता है उसे काल पकड़ता है – वासुदेव नंदिनी


शिवपुरी जिले के ग्राम सेसई में इन दिनों वरसाना कालोनी के शेरों वाली माता जैन मंदिर रोड़ पर नव निर्मित मंदिर में माता की मूर्ति स्थापना के साथ सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन भटेले परिवार द्वारा कराया जा रहा है।शिवपुरी से पधारी कथावाचक बालयोगी पं.वासुदेव नंदिनी भार्गव अपनी शास्त्रीय संगीत गायन शैली में ठाकुर जी के भक्तों को कथा का रसपान करा रही हैं।द्वितीय दिवस की कथा में शुकदेव जी आगमन,वराह अवतार, कपिल के भक्ति योग की महिमा का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि परीक्षित सांसारिक विषयों के सुख में फंस चुके थे तो परीक्षित ने ईश्वर का आसरा लिया,और ईश्वर ने ही शुकदेव जी को परीक्षित के पास जाने की प्रेरणा दी। भागवत का रहस्य सिर्फ शुकदेव जी ही जानते थे।जिनके घर मैं नित्य प्रभू की सेवा और स्मरण होता है, नित्य आचार विचार का पालन होता है उसके घर में काल का प्रवेश कभी नहीं होता।देव को बुलाने वाली शक्ति ही देवहूति है।और नौ कन्याओं का अर्थ ही नवधा भक्ति है। नवधा भक्ति के विना ज्ञान नहीं होता, नवधा भक्ति अर्थात कपिल ज्ञान ही है। नवधा भक्ति के सिद्ध होने पर ही कपिल भगवान पधारते हैं।वाराह भगवान यज्ञ अवतार है।यज्ञपूर्वक जीवन से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

Share this:

Leave a Reply

You cannot copy content of this page