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संविधान और दलितों के अपमान की भावना कांग्रेस की नस-नस में- बीजेपी जिलाध्यक्ष राजू बाथम


आरक्षण पर राहुल गांधी के बयान के खिलाफ
में पत्रकार-वार्ता को किया संबोधित

शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय पर आज पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। इस पत्रकार वार्ता को जिला अध्यक्ष राजू बाथम व अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष वीर सिंह सगर द्वारा संबोधित किया गया
जिला अध्यक्ष राजू बाथम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अपने राजनीतिक हित साधने के लिए संविधान और संवैधानिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करते रहे हैं। संविधान और दलितों के अपमान की भावना उसकी नस-नस में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में आरक्षण के विरोध में दिया गया बयान भी कांग्रेस की इसी भावना का परिचायक है। हम उनके इस बयान की निंदा करते है।

जिला अध्यक्ष राजू बाथम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने लगभग 57 वर्षों तक देश पर शासन किया, लेकिन इस दौरान कभी उसने संविधान में प्रदत्त मूलभूत आरक्षण के सिद्धांत को सही भावना और स्वरूप में लागू करने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने 1956 में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने से संबंधित काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। 1961 में पं. नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा था कि आरक्षण से अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है। पं. नेहरू ने ही बाबा साहब अंबेडकर के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को समाप्त करने का षडयंत्र रचा, उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने का पाप किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी बाबा साहेब का शैल चित्र संसद में नहीं लगने दिया था और न ही उन्हें कभी भारत रत्न देने का प्रयास किया गया। अगर हम कांग्रेस का इतिहास देखें, तो पता चलता है कि उसने बार-बार संविधान की आत्मा को कुचलने का काम किया है और उसके नेता राहुल गांधी का विदेश की धरती पर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ बयान ऐसे ही एक षडयंत्र का हिस्सा है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में अपने राजनीतिक हितों के लिए संविधान को कुचलते हुए देश में आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान पत्रकारों की आवाज को दबाया गया और विरोधी दलों के नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया। 1960 से 1977 के बीच कांग्रेस की सरकार ने 25 से अधिक बार संविधान में संशोधन किया। श्री पिरोनिया ने कहा कि 2014 में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, केवल 8 बार संविधान में संशोधन किए गए हैं।

अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष वीर सिंह सगर ने कहा कि संविधान के आदर की भावना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मन में हमेशा से रही है। 2010 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भव्य संविधान यात्रा निकाली थी। केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाई और आजादी के 75 वर्षों के बाद वहां भारत के संविधान को लागू करके दलितों, आदिवासियों तथा पिछड़ों को आरक्षण प्रदान किया। मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान किया। 2019 में ही संविधान की छठी अनुसूची में संशोधन किया और इसी साल लोकसभा तथा विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण को 10 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया।
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