शिवपुरी। शिवपुरी तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी नामांतरण का मामला तीन दिन पहले सामने आया था। यहां एक विक्रेता की जमीन तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर कर क्रेता के नाम नामांतरित कर दी गई थी। ऐसा ही दूसरा मामला भी शिवपुरी तहसील से सामने आया हैं। जहां शिवपुरी तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर कर आवेदक को नामांतरण की स्वीकृति दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक फर्जी आदेश में विक्रेता नेरश प्रताप सिंह परमार पुत्र मंगलसिंह परमार के एक हजार वर्ग फ़ीट के प्लॉट की नामांतरण की स्वीकृति बानो पुत्री अनवर खानं, निवासी ढीगर मौहल्ला को 17 अगस्त 2022 को दे दी गई। आदेश में बाकायदा पटवारी की रिपोर्ट के साथ तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर हैं।
बता दें कि नामांतरण की स्वीकृति को शिवपुरी तहसील कार्यालय में प्रकरण क्रमांक 1579/ अ-6/2023-24 के रूप में दर्शाया गया। इस मामले जानकारी जुटाते पर पता चला कि उक्त प्रकरण क्रमांक 1579/ अ-6/2023-24 में तहसील कार्यालय में अफजल राइन की जमीन का नामांतरण शशि गुप्ता के नाम पर किये जाने का आदेश 7 जुलाई को जारी हुआ था। बता दें कि इससे पहले एक अन्य प्रकरण में 27 मार्च 2024 को एक आदेश की प्रति सामने आई थी। जिसमें विजय गुप्ता नाम के व्यक्ति ने जमीन विक्रेता उषा गर्ग की जमीन के नामांतरण की स्वीकृति दे गई।.
इस मामले में शिवपुरी तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा का कहना हैं कि दोनों ही मामलों में उन्हें फर्जी हस्ताक्षर किये गए हैं। जबकि नामांतरण की स्वीकृति में डिजिटल सिग्नेचर होना अनिवार्य हैं। दोनों ही मामलों में कोतवाली में शिकायत दर्ज गई है।
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