नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की दिल्ली और दिल से दूरी कम होनी चाहिए… गुरुवार को 8 दलों के 14 नेताओं के साथ 3 घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही संदेश दिया। पर, इस बैठक के तुरंत बाद ही राज्य के दो बड़े नेताओं के बयान से स्पष्ट हो गया कि बैठक तो दिल्ली में हो गई, पर दिल अभी दूर ही हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक मुलाकात में दूरियां नहीं मिटतीं। वहीं, क्कष्ठक्क चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में सांस लेना भी मुश्किल है। भारत को पाकिस्तान के साथ दोबारा बात शुरू करनी चाहिए। प्रधानमंत्री आवास पर चली बैठक के बाद 6 बड़े नेताओं ने
क्या कहा, पढि़ए…
चीन से बात कर सकते हैं तो पाकिस्तान से क्यों नहीं : महबूबा
मैंने जम्मू-कश्मीर के लोगों की मुसीबतें प्रधानमंत्री के सामने रखीं। 5 अगस्त 2019 के बाद से कश्मीरी नाराज हैं। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद-370 को हटाया गया, ये जम्मू-कश्मीर के लोगों को पसंद नहीं है।
हम इसके खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे और इसे बहाल करवाएंगे। ये दर्जा हमें पाकिस्तान से नहीं मिला था। ये हमें जवाहर लाल नेहरू और वल्लभ भाई पटेल ने दिया था। ये हमारे डोमिसाइल को सुरक्षित करता है। मैंने कहा कि अगर अनुच्छेद-370 हटाना था तो विधानसभा को बुलाया जाना चाहिए था। हम इसे संवैधानिक तरीके से री-स्टोर करना चाहते हैं।